ओडिशा व आंध्र प्रदेश में ‘तितली’ चक्रवात का कहर, हजारों पक्षियों की मौत

ओडिशा  आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने पिछले दो दिनों में जबरदस्त तबाही मचाई. ओडिशा में चक्रवात ‘तितली’ के कारण भारी बारिश से बाढ़ आने के कारण 60 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. दोनों राज्यों में तूफान के कारण मरने वालों की संख्या 12 बताई जा रही है. लेकिन इस तूफान से केवल इंसान ही नहीं बल्कि पक्षी भी प्रभावित हुए हैं. राज्य में स्थित जगन्नाथ रेलवे स्टेशन के पास बहुत से पक्षी मृत पाए गए  बहुत ज्यादा घायल अव्स्था में भी नजर आए.
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रेलवे स्टेशन  उसके आसापास के इलाकों में पक्षी जमीन पर पड़े मिले. घायल पक्षियों ने खुद को बचाने के लिए छायादार जगहों  रेलवे के डब्बों की शरण ली. वहीं कुछ कुत्तों के लिए शिकार भी बने. आसपास के गांव से लोग पक्षियों को बचाने के लिए भी आए. लोकल लोगों में से एक ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से करीब 5 हजार ओपनबिल्ड स्टॉर्कस  अन्य पक्षियों की मौत हो चुकी है.

वन अधिकारियों का कहना है कि ओपनबिल्ड स्टॉर्कस नाम के पक्षी खाने की तलाश में ओडिशा के जगन्नाथपुरी  यहां से लगे खेतों में आते हैं. यहां वह चिल्का झील पर घोंसला बनाते हैं.जगन्नाथपुर स्टेशन के पास बड़े पेड़ों पर ये पक्षी बीते 10 वर्षों से घोंसले बना रहे हैं. साथानीय लोगों ने इन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाया.

नरेंद्रपुर विलेज कमिटि के सेक्रेटरी अनिल कुमार नायक का कहना है कि इन पक्षियों ने कभी उनकी फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. बल्कि ये तो उनके लिए उनके धान के खेतों में आए खूबसूरत अतिथि की तरह हैं. बीते कुछ वर्षों में यहां ओपनबिल्ड स्टॉर्कस नाम के इन पक्षियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

गुरुवार को तितली चक्रवात ने इन पक्षियों के घोंसलों को बर्बाद कर दिया. जिसके कारण ज्यादातर पक्षी उड़ने लगे. उनकी मौत बिल्डिंगो, रेलवे के डिब्बों से टकराने  जमीन पर गिरने के कारण हुई. ब्रह्मपुर वन रेंज के वनपालक राजा राओ का कहना है कि घायल पक्षियों के उपचार के लिए वह कोशिश कर रहे हैं.

बता दें गवर्नमेंट ने तीन जिलों में बचाव  राहत अभियान को तेज करने के लिए एनडीआरएफ  ओडीआरएएफ कर्मियों को तैनात किया है. अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों में कई जगहों पर भूस्खलन हुए, जिसकी वजह से बिजली, जल आपूर्ति  दूरसंचार सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं. वहीं कई जगहों पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है.