सिलिकॉन वैली के समान स्तर के मुख्य शहर या क्लस्टर की अनुपस्थिति के बावजूद टेक्नोलॉजी कंपनियों के द्वारा एपीएसी क्षेत्र में ऑफिस स्थलों की मांग बढ़ रही है।एशिया पेसिफिक के शीर्ष पांच शहरों में हैं। यह आंकड़ा हिंदुस्तान की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में पेश किया है।
आईटी प्रतिभा को इन दोनों शहरों ने दिया मौका
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व एवं अफ्रीका के चेयरमैन व मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) अंशुमन मैगजीन ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर व बैंगलोर में बड़ी संख्या में उपस्थित आईटी प्रतिभा तथा बेहतर इन्क्यूबेटर एवं एक्सेलरेटर प्रोग्रामों के चलते नए विचारों को प्रोत्साहन मिला है। एशिया पेसिफिक में 84 लाख उम्मीदवार हैं जो स्टैम में ग्रेजुएट हैं, इनमें से 30 प्रतिशत हिंदुस्तान में हैं, जो कि एक बड़ी संख्या है। ”
विदेशी शहरों के साथ मिलाए जा रहे कदम से कदम
रिपोर्ट के अनुसार, संसार के अग्रणी टेक हब सिलिकॉन वैली का वातावरण टेक्नोलॉजी सेक्टर के विकास के लिए अनुकूल है। अग्रणी टेक्नोलॉजी शहर जैसे बीजिंग, बैंगलोर, शंघाई, सिंगापुर व गुड़गांव एक गतिशील प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं व तकनीक के द्वारा सेक्टर के विकास के प्रोत्साहित कर रहे हैं। रिपोर्ट में बोला गया है कि बैंगलोर इससे हिंदुस्तान में सबसे अग्रणी है। हिंदुस्तान की स्टार्ट-अप राजधानी कहे जाने वाले बैंगलोर में देश के 30 प्रतिशत स्टार्ट-अप हैं जो हिंदुस्तान में प्रौद्योगिकी सेक्टर के विकास में उल्लेखनीय सहयोगदेते हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट के पास होने के कारण मिल रहा है बढ़ावा
इसी तरह ‘मिलेनियल सिटी’ कहलाने वाले शहर गुड़गांव में कुछ सबसे बड़े विश्वस्तरीय एवं घरेलू उद्यम हैं। देश की राजधानी तथा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप होने के कारण यह क्षेत्र अधिकांश सॉफ्टवेयर पेशेवरों के लिए सुलभ है। एशिया-पैसिफिक में स्थित टैक कंपनियां तेजी से विस्तारित हो रही हैं। 2018 में एशिया पेसिफिक कंपनियों ने संसार की टॉप
सीबीआरई ने एशिया पेसिफिक के 15 बाजारों में कारोबार की स्थितियों, इनोवेशन्स, लागत एवं उपलब्धता का मूल्यांकन किया है। कारोबार का वातावरण, आधुनिक वातावरण, लागत व उपलब्धता आदि कारण हैं जिनके कारण ज्यादातर कंपनियां इन शहरों की ओर आकर्षित हो रही हैं। टेक्नोलॉजी व रेंटल कीमतें, मुनाफे में विविधता, तकनीक के साथ बढ़ते स्थाई लीजिंग वॉल्युम आदि मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। सीबीआरई ने यह अध्ययन इसी साल जनवरी व मार्च के बीच किया गया।