एक वैश्या ने बोला जब कंडोम लगेगा तभी लेट पाऊँगी बिस्तर पर, वरना नहीं

एक यौन कर्मी को सुरक्षित सेक्स करने का अधिकार नहीं है? 27 साल की अमृता मुंबई में सेक्स वर्कर हैं। उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए हमें बताया कि कैसे उनके साथ हुई एक घटना के बाद पहली बार उन्हें उनके अधिकारों के बारे में पता चला


अमृता ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह देह व्यापार के धंधे में आएगी लेकिन गरीबी ने उसे यह पेशा चुनने को मजबूर कर दिया। अमृता का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले में एक गरीब परिवार में हुआ थाI उसके घर की माली हालत ठीक नहीं थी और पेट भरने के लिए सिर्फ दो जून की रोटी का ही जुगाड़ हो पाता था। अमृता जब 18 साल की हुईं तो उसके मां-बाप ने उससे उम्र में चालीस साल बड़े एक आदमी के साथ ज़बरदस्ती उसकी शादी कर दी। शादी के बाद उसका पति उसे मारने-पीटने और प्रताड़ित करने लगा। जब वह पति के इस अत्याचार के बारे में अपने मां-बाप को बताती तो वे इसे अनसुना कर देते। उनके मां-बाप किसी तरह अपना पेट पाल रहे थे और उन्हें डर था कि कहीं अमृता अपने पति का घर छोड़कर उनके साथ न रहने लगे।

शादी को दो साल बीत गए लेकिन पति का जुल्म थोड़ा भी कम नहीं हुआ। उसे अब और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था। एक दिन अमृता अपने पति को बताए बिना घर से भागकर मुंबई चली गई। वहां कुछ दिन वह अपने एक दोस्त के घर पर रुकी। उसके दोस्त की भी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी और वह लोगों के घरों में काम करके किसी तरह अपना गुजारा कर रहा था। अमृता ने भी अपने लिए इसी तरह का काम ढूंढने की कोशिश की लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी उसे कोई काम नहीं मिल सका थाI

सिर्फ़ छह महीने के लिए अपनाया देह व्यापर का पेशा