एक बार फिर सियासी गलियारों में राम के नाम की सुनाई देने लगी गूंज, CM योगी

आगामी लोकसभा चुनाव को नजदीक आते ही एक बार फिर सियासी गलियारों में राम के नाम की गूंज सुनाई देने लगी है। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का मुद्दा काफी तूल पकड़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तरीक टलने के बाद अब सरकार से अध्यादेश लाने की मांग शुरु हो गई है। 

सरकार के लिए राम मंदिर एक चुनौती बन चुका है। संत समाज के साथ संघ और कई धार्मिक और राजनैतिक संगठन इसके लिए बड़ा आंदोलन करने की मांग कर रही है। आरएसएस ने कहा है कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द शुरु नही हुआ तो 1992 जैसे हालात फिर से हो जाएंगें। इसके अलावा संत समाज ने भी ऐलान करते हुए कहा है कि वह 6 दिसंबर को राम मंदिर की नीव रखेंगे।

इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सभी 6 नवंबर को अपने घरों में प्रभु राम के नाम का एक दीपक जलाएं। इस वक्त सीएम का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही।

इसके अलावा कहा कि धर्मस्थल उपासना के नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मकता के भी स्थल हैं और प्रत्येक नागरिक के लिए धर्मस्थल खुले रहने चाहिए, यह आज के समय की जरूरत है। योगी ने बीकानेर में श्रीनवलेश्वर मठ सिद्धपीठ में योगी श्रीमत्स्येंद्रनाथ, योगी गुरु गोरक्षनाथ और भगवान आदित्यदेव की प्रतिमाओं का अनावरण किया।

गौरतलब है कि सीएम योगी ने अयोध्या में सरयू नदी के किनारे 151 मीटर ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा बनाने का भी ऐलान किया है। इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य ने कहा है कि मंदिर का मुद्दा कोर्ट में है इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते हालांकि हमें मूर्ति बनाने से कोई नही रोक सकता। यदि किसी ने ऐसा करने की कोशिश की तो उसे हम देख लेंगे।