एकादशी के दिन जरूर करें ये काम , फिर मिलेगा विष्णु भगवान का आशिर्वाद

– ॐ हूं विष्णवे नम:। – ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। – ॐ अं वासुदेवाय नम: – ॐ आं संकर्षणाय नम: – ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: – ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: – ॐ नारायणाय नम: * ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

 

– श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।। – ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। – ॐ विष्णवे नम:- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि। – दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

कहा जाता है उनका स्वरूप शांत और आनंदमयी है। ऐसे में धार्मिक शास्त्रों को माने तो प्रतिदिन भगवान श्रीहरि का स्मरण करने से जीवन के समस्त संकटों का नाश होता है तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

फिलहाल आने वाली 24 जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्रीहरि विष्‍णु के विविध मंत्र। आइए बताते हैं। इनका जाप करने से आपको बड़े लाभ होंगे।

कहा जाता है अगर कोई भी मंत्र रोज ना पढ़ सकें तो उसे कम से कम किसी खास अवसर पर या जैसे एकादशी या गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का स्मरण कर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

जी दरअसल ऐसा करने से सभी बाधाओं का अंत हो जाता है। इसी के साथ भगवान विष्णु मन्त्र का जाप करने वालों के सभी कष्टों को हर लेते हैं। वैसे भगवान विष्णु जगत का पालन करने वाले देवता हैं और उनका पूजन करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।