उल्टी से राहत दिलाएगा हरा पुदीना, जानिये इसके अन्य फायदे

पुदीना एक ऐसा पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय रसोईघरों में मुख्य रूप से चटनी के रूप में किया जाता है. इसकी अनेक खूबियां हैं. यह भोजन को पचाने में तो अच्छा है ही, पेट में होने वाले बहुत ज्यादा रोगों के इलाज में भी उपयोगी साबित होता है. इसके अधिकतम फायदा के लिए कब, कैसे  कितने पुदीने का प्रयोग करना चाहिए, बता रही हैं प्राची गुप्ता

पुदीने में मेंथोल, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, रिबोफ्लेविन, कॉपर, आयरन आदि पाये जाते हैं. पुदीना के पत्तों का सेवन कर उल्टी को रोका जा सकता है  पेट की गैस को दूर किया जा सकता है. यह जमे हुए कफ को बाहर निकालता है. इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह शरीर से पसीना निकालकर बुखार को दूर करता है. इसमें शरीर में किसी कीड़े के काटे जाने पर उसके जहर को नष्ट करने का भी गुण होता है.
बड़े कार्य की है पुदीने की चटनी 
पुदीने की चटनी बड़े कार्य की होती है. पुदीने के साथ अनारदाना, हरा कच्चा टमाटर, नीबू, अदरक, हरी मिर्च, सेंधा नामक, काली मिर्च, अजवाइन को मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है. इसका सेवन पेट के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.
पेट के रोगों को करे दूर
पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्या को दूर करने के लिए पुदीने को सबसे अच्छा माना गया है. आजकल खान-पान की वजह से पेट में तरह-तरह की तकलीफें हो जाती हैं. एक चम्मच पुदीने के रस में एक कप गुनगुना पानी  एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट के रोगों में आराम मिलता है. जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है  पेट में दर्द होने लगता है. पुदीने को उबालकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती है.
उल्टी से राहत दिलाए
उल्टी रोकने के लिए पुदीना का सेवन फायदेमंद साबित होता है. इसके लिए पुदीने के पत्तों में दो बूंद शहद मिलाकर पीना चाहिए.

’पुदीने के पत्तों की लुग्दी बनाकर इसे हल्का गर्म करके किसी भी तरह के जख्म या किसी कीड़े के काटने वाले जगह पर रखने से जख्म और कीड़े का काटा अच्छा होता है, साथ ही उसका दर्द  सूजन भी अच्छा हो जाती है.
’पुदीने का रस काली मिर्च  काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खांसी  बुखार में राहत मिलती है. सिर दर्द में ताजी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम
मिलता है.
’हैजा रोग से पीड़ित आदमी को पुदीना के रस के साथ प्याज के रस में नीबू  सेंधा नमक मिलाकर सेवन करना चाहिए, फायदा होता है.
’पुदीने की पत्ती  तुलसी की पत्ती के रस में दो बूंद शहद मिलाकर पीने से लगातार आ रही हिचकियां तुरंत बंद हो जाती हैं.
’पुदीने की पत्तियों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को मंजन की तरह इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है  मसूढ़े मजबूत होते हैं.
’पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है  आवाज साफ होती है.
’प्यास अधिक लगने पर नीबू का शर्बत बनाकर इसमें पुदीने के पत्तों का रस मिलाकर पीने से प्यास बार-बार नहीं लगती, शरीर में पानी की कमी भी नहीं
हो पाती.

बरतें सावधानी
पुदीने के पत्तों का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका अधिक सेवन गुर्दे  आंतों के लिए घातक साबित होता है. अगर इसका अधिक सेवन किया गया है, तो उसे अच्छा करने के लिए मुलेठी का सत्व  गोंद कतीरा मिलाकर सेवन करना चाहिए