नयी दिल्ली में आयोजित एनर्जी फोरम के दौरान धर्मेंद्र मुख्य ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वैश्विक नेता हमारी जरूरतों को समझेंगे.‘ मंत्री का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब ईरान पर 4 नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने वाले हैं. वर्तमान में हिंदुस्तान अपनी कच्चे ऑयल की जरूरतों के लिए ईरान पर बहुत ज्यादा ज्यादा निर्भर करता है. पिछले सप्ताह केंद्र गवर्नमेंट ने ऑयल कीमतों पर लगी एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. मंत्री ने बोला कि यह कीमतें दोबारा गवर्नमेंट के नियंत्रण में नहीं लाया जाएगा.
इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली भी स्पष्ट कर चुके हैं कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को गवर्नमेंट के नियंत्रण में नहीं लाया जाएगा. यूपीए-2 के शासनकाल में जून 2010 में पेट्रोल जबकि एनडीए गवर्नमेंट में अक्तूबर 2014 में डीजल की कीमतें नियंत्रण मुक्त करने का निर्णय लिया गया था. साथ ही तय हुआ कि ऑयल विपणन कंपनियां हर 15 दिन में दोनों ईंधनों की कीमतें तय करेंगी. अक्तूबर, 2014 से पहले इनकी मूल्य गवर्नमेंट तय करती थी. इसके बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट ने 16 जून, 2017 को प्रतिदिन कीमतें तय करने की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी.