इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए अब बनेगा ‘चार्जिंग स्टेशन’, जानिए ऐसे

इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण ‘चार्जिंग स्टेशन’ की दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है. सूत्रों के मुताबिक, देश में करीब 15 राज्यों ने चार्जिंग स्टेशन बनाने को लेकर नोडल एजेंसी को मंजूरी मिल गई है. इन राज्यों में यूपी समेत कई बड़े प्रदेश शामिल हैं.

ये एजेंसियां बुनियादी ढांचे हाइवे  शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन आवंटित करने  दूसरी मंजूरियां देने का कार्य करेंगी. दरअसल, केन्द्र सरकार का 2030 तक देश भर की सड़कों पर 25-30 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक करने लक्ष्य है. मौजूदा वित्त साल में करीब 4500 चार्जिंग स्टेशन बनाने का कार्य किया जाना है. ये सभी चार्जिंग स्टेशन राष्ट्रीय  राज्यों के राजमार्गों के किनारे लगने हैं.

सरकार ने दिसंबर में चार्जिंग स्टेशन से जुड़े दिशानिर्देश जारी किए थे. इसमें राजमार्गों पर हर 25 किलोमीटर  शहर में हर तीन किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन बनाने के आदेश दिए गए थे. इसके लिए 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा सब्सिडी दी गई. एनटीपीसी  क्षमता ग्रिड सरीखी कंपनियों के साथ मिलकर ये चार्जिंग स्टेशन लगाने की तैयारी है. जो भी ये चार्जिंग स्टेशन लगाएगा, तीन वर्ष तक मरम्मत का भी जिम्मा उसे ही निभाना पड़ेगा.

जानकारों के मुताबिक, 2030 तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मार्केट करीब 50 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा. बिजली कंपनियों के साथ रेलवे अपनी पार्किंग पर चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जमीन देने की रणनीति बना रहा है. ऑयल कंपनियों ने तो अपने पंपों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने प्रारम्भ भी कर दिए हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी  दूसरी महत्वपूर्ण चीजों के लेकर सरकारी  व्यक्तिगत क्षेत्र की कंपनियों अपनी रणनीति में तेजी से परिवर्तन कर रही हैं. मारुति, महिंद्रा, टाटा  हुंदै जैस कंपनियों का इलेक्ट्रिक वाहन की दिशा में खास फोकस कर रही हैं.