आसाराम की जमानत के लिए इन नेताओ ने किया 50 लाख में सौदा, जानिए कैसे…

राजस्थान पुलिस नेनौकरी का झांसा देकरयुवाओं सेकरोड़ों रुपए ठगने वाले दंपती को हिरासत में लिया है. पति-पत्नी खुद को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय का मुख्य सलाहकार बताकर लोगों को झांसे में लेतेथे.

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इतना ही नहीं उन्होंने बलात्कार केस में सजा काट रहे आसाराम को पैरोल व जमानत दिलाने के लिए 50 लाख रुपए में सौदा कर रखा था.आरोपी पति ने 7 महीने मेंचार बार जोधपुर कारागार में आसाराम से मुलाकात की बात कही है.

एसओजी एएसपी करण शर्मा के मुताबिक, फर्जीवाड़े के आरोपी नितिन व शिखा गुप्ताने पूछताछ में अहम खुलासे किए हैं. उनके करीब 8 बैंक खातों व कॉल डिलेट की पड़ताल हो रही है, ताकि ठगी की रकम व पीड़ितों के बारे में जानकारी मिल सके. नितिन आसाराम के एक एडवोकेट के सम्पर्क में था. दंपती ने सुपरिंटेंडेंट को रौब दिखाकर कारागार में आसाराम से मुलाकात की थी. नितिन ने बोला है कि आसाराम जमानत के एवज में 50 लाख रुपए देने को तैयार था.

रसूख बताया- मेरी कई नेताओंसे जान-पहचान है

नितिन ने एसओजी अफसरों को बताया कि वह अलीगढ़ के पास स्थित अचरोली का रहने वाला है. उसके पिता गांव के इंटर स्कूल में प्रधानाचार्य थे. इसी स्कूल में एक टीचर थे जो वर्तमान में राजस्थान में उच्च पद पर तैनात हैं. उसने इसी अधिकारी का नाम लेकरआसाराम की जमानत कराने की बात कही थी. आरोपी दंपती की कॉल डिटेल खंलाली जा रही हैं, ताकि पता चल सके कि दोनों कौन से अधिकारी व नेताओं के करीबी हैं.

गिड़गिड़ाया- एक फोन कर लेने दो, रुपए लौटा दूंगा
ठग दंपती की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने जैसे ही आरोपियों से पूछताछ की तो आरोपी नितिन ने पुलिस अफसरों को बोला कि मुझे केवल एक फोन कर लेने दीजिए. जिसने भी मुद्दादर्ज कराया है उसके सारे रुपए लौटा दूंगा.

दावा- उपराष्ट्रपति कार्यालय के पीएस की सिफारिश से कमेटी में शामिल हुआ
जांच में पता चला है कि नितिन उत्तर-पश्चिमरेलवे की जोनल रेलवे उपभोक्ता कंसलटेंट कमेटी का मेम्बर है. यह कमेटी रेलवे के द्वारा दी जाने वालीसुविधाओंकी निगरानी करती है.नितिन चार महीने पहले कमेटी में शामिल हुआ था. पूछताछ में उसने दावा किया है कि कमेटी की सदस्यता के लिए उपराष्ट्रपति ऑफिस में तैनात एक पीएस ने उसकी सिफारिश की थी.