आयुर्वेदिक पुल्टिस मसाज़ से दूर होगा हड्डियों का दर्द

जो कि तरह-तरह की समस्याओं को संक्रमण आदि से निजात दिलाते हैं। पुल्टिस हर्ब के फायदे तो शरीर को पहुंचाता है लेकिन यह प्रकृतिक तेल या टिंचर आदि की तरह उतना अधिक कॉन्संट्रेटेड नहीं होता है। आइये जानते हैं क्या है पुल्टिस।

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हर्ब की पोटली (प्रलेप यानी पुल्टिस) – पुल्टिस को कई तरह से समझा और परिभाषित किया जा सकता है, जैसे पुल्टीस अर्थात – किसी गीली दवा को पीडित अंग पर चढ़ाने की क्रिया, अंग पर कोई गीली दवा छोपना या रखना, किसी अंग विशेषतः स्किन पर किसी ओषधि का किया जानेवाला लेप या फिर किसी गाढ़ी चीज का किसी दूसरी चीज़ पर किया जानेवाला लेप। पुल्टिस को दरअसल हर्ब्स, चिकनी मिट्टी, चारकोल, लवण या अन्य लाभकारी पदार्थ आदि को पीस कर या फिर ऐसे ही कपड़े में रखकर बनाया जाता है और फिर स्किन पर रखा जाता है। और फिर इसे की घंटों के लिए वहां पर रखा रहने दिया जाता है। नीचे कुछ प्रकार के पुल्टिस दिए गेए हैं, जिन्हें अलग अगल मर्ज के इलाज में उपयोग किया जता है।

विषाक्त बाहर करने व दर्द दूर करने के लिए पुल्टिस – इस पुस्टिस में जड़ी-बूटियों से तैयार पोटली द्वारा शरीर की मालिश की जाती है। दर्द निवारक होने के साथ इससे मांसपेशियों की अकड़न व ऐंठन, स्पॉन्डिलाइटिस, जोड़दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस और वात से जुड़े दर्द व समस्या आदि में आराम मिलता है। इस प्रक्रिया में जड़ी-बूटियों के चूर्म व रस को मरीज की प्रकृति के हिसाब से उचित मात्रा में लेकर एक लेनन के कपड़े से भर लें और एक पोटली का रूप दे। इसके बाद पोटली को औषधीय तेल में गर्म कर स्किन पर रखें।

सूजन, दर्द और घाव के लिए पुल्टिस के प्रकार – राई की पुल्टिस बनाकर दर्द अथवा सूजन वाली जगह पर इसका सेंक करने से तत्काल राहत मिलती है। राई को पीसकर एरंड के पत्तों पर लेप करे और दर्द वाले अंगो पर लगायें। अलसी के तेल में नमक व हल्दी मिलाकर पुल्टिस बना लें और उससे चोट के कारण आई सूजन तथा दर्द वाले स्थान पर रखकर सेंकाईं करें। अजवायान को पीसकर उसका लेप सूजन वाले अंगों व घाव पर लगायें।

लहसुन पुल्टिस- लहसुन पीसकर पुल्टिस बांधने से दमा, गठिया, सायटिका तथा अनेक प्रकार के चर्मरोग दूर हो जाते हैं। इसकी पुल्टिस जहां चोट लगे या सूजे भाग की सृजन व दर्द भगाती है, वहीं उसमें कुष्ठ रोग तक को दूर कर देने की क्षमता होती है।

किसी अन्य रेमेडी की ही तरह इस घरेलू चिकित्सा विकल्प को पक्के चिकित्सकीय विकल्प की तरह नहीं उपयोग करना चाहिए। यदि समस्या बड़ी हो या फिर लंबे समय तक ठीक न हो रही हो तो तत्काल प्रभाव से डॉक्टर से सलाह व इलाज करना चाहिए। हालांकि छोटी-मोटी समस्या के लिए आप बेहिचक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।