आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2017-18 के आयकर आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया है। विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में आयकर और जीडीपी का अनुपात 5.98 फीसदी रहा है जो पिछले 10 सालों के दौरान का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है, साथ ही विभाग ने कुछ चौंकाने वाले तत्थ भी जारी किए हैं। इसमें वेतनभोगियों और गैर वेतनभोगियों के बीच बड़ा अंतर दिखाया गया है।
आप ये जानकर हैरान होंगे कि पिछली बार देश में लगभग 8.6 लाख डॉक्टरों में आधे में से भी कम ने इनकम टैक्स का भुगतान किया। यही नहीं बात की जाए चार्टर्ड अकाउंटेंट की जो लोगों को निजी रूप से हो या फिर कंपनियों के टैक्स मामलों में सलाह देते हैं, उनमें भी तीन में से सिर्फ एक ही इनकम टैक्स जमा करता है। नर्सिंग होम की बात करें तो उनमें से सिर्फ 13 हजार ने टैक्स जमा किया।
करोड़पतियों की संख्या में 60% का इजाफा
देश में बीते चार सालों में करोड़पतियों की संख्या 60% बढ़ी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेस (सीबीडीटी) ने सोमवार को आयकर से जुड़े आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, ऐसे करदाता जिनकी कमाई एक करोड़ रुपए से ज्यादा है, उनकी संख्या 1.40 लाख हो गई है। इनमें कॉरपोरेट्स, फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य लोग शामिल हैं।
80 % करदाताओं में बृद्धि
बीते चार सालों के दौरान फाइल किए गए आईटीआर रिटर्न्स में 80 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 2013-14 के 3.79 करोड़ से बढ़कर 2017-18 में 6.85 करोड़ हो गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि व्यक्तिगत करोड़पतियों में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है।
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चन्द्रा का कहना है कि आयकर विभाग ने कानून में सुधार, सूचना के प्रसार और सख्ती से नियमों का पालन करवाने के लिए कई कदम उठाए। इस वजह से रिटर्न दाखिल करने वालों और टैक्स भरने वालों की संख्या बढ़ी।