15 अक्टूबर के बाद आपका डेबिट
और क्रेडिट कार्ड पूरी तरह से बंद हो सकता है
. इसकी बड़ी वजह है
इंडियन रिजर्व बैंक का एक फैसला, जिसने सभी बैंकों
और कार्ड जारी करने वाली विदेशी कंपनियों की रातों की नींद उड़ा रखी है
.अगर डेबिट
और क्रेडिट कार्ड बंद होते हैं तो इसका दूरगामी
असर आगामी फेस्टिव सीजन में देखने को मिला
. पूरे
राष्ट्र में 90 करोड़ से अधिक लोगों के पास ऐसा डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड है
.
इन कंपनियों का जारी होता है कार्ड
राष्ट्र में ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को मास्टरकार्ड या फिर वीजा का डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने इन विदेशी पेमेंट गेटवे कंपनियों को राष्ट्र में अपना सर्वर लगाने के लिए 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी. डेटा स्टोर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 15 अक्टूबर तक का वक्त दिया है, लेकिन कंपनियां 15 अक्टूबर से डेटा स्टोर करने में सक्षम नहीं है.
वित्त मंत्री से मांगी रियायत
शुक्रवार को इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर समय बढ़ाने की मांग की थी. कंपनियों की दलील है कि डेटा स्टोर करने में करीब 2 वर्ष का वक्त लगेगा. कंपनियों को केवल डेटा स्टोर के बजाय कॉपी रखने की भी छूट की मांग की है.
वित्त मंत्रालय डेटा की कॉपी रखने की छूट के पक्ष में है. आर्थिक मामलों के सचिव ने भारतीय रिजर्व बैंक को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है. आर्थिक मामलों के सचिव ने भारतीय रिजर्व बैंक को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है.
तो फिर फीका हो जाएगा फेस्टिव सीजन
अगर भारतीय रिजर्व बैंक अपने फैसला पर अड़ा रहता है तो फिर आगामी फेस्टिव सीजन के फीका रहने की संभावना है. नोटबंदी के बाद से राष्ट्र में डेबिट और क्रेडिट कार्ड का चलन बहुत ज्यादा बढ़ा है. ज्यादातर लोग अब कार्ड के जरिए ही खरीदारी करते हैं. हिंदुस्तान ने भी अपना रूपे डेबिट क्रेडिट कार्ड जारी करना प्रारम्भ कर दिया है. लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा कम है, जिनके पास रूपे कार्ड है.
कार्ड बंद होने पर इनका बढ़ेगा उपयोग
अगर मास्टर कार्ड या फिर वीजा के डेबिट और क्रेडिट कार्ड बंद होते हैं तो फिर लोगों के पास कैश के अतिरिक्त यूपीआई, नेटबैंकिंग व मोबाइल वॉलेट जैसे भुगतान करने के विकल्प ही बचेंगे. लेकिन इनसे भी वो ही लोग भुगतान कर सकेंगे, जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन हो व वो ऐसे ऐप का इस्तेमाल करना अच्छे से जानते हो.
बढ़ जाएगी कैश की किल्लत
कार्ड के बंद होने से लोगों के पास कैश की किल्लत भी हो जाएगी. ज्यादातर लोग अभी भी अपने डेबिट कार्ड का प्रयोग एटीएम से पैसा निकालने के लिए करते हैं. अगर लोग एटीएम से पैसा नहीं निकाल पाएंगे, तो फिर वो फेस्टिव सीजन में शॉपिंग कैसे करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक का यह निर्णय करोड़ों लोगों पर भारी पड़ सकता है.