रेलवे की ओर से एक इस कोच फैक्ट्री का शिलान्यास मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इस फैक्ट्री के लगने से लगभग 10 हजार से अधिक लोगों को सीधे व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलने की आसार है। ये फैक्ट्री लगभग 161 एकड़ भूमि पर बनाई जाएगी। इस फैक्ट्री को लगाने की लागत लगभग 484 करोड़ रुपये आएगी। यहां पर हर वर्ष लगभग 250 डिब्बों का नवीनीकरण किया जाएगा। इस फैक्ट्री को साल 2020 में प्रारम्भ करने की योजना है।
इस फैक्ट्री में रेल के पुराने डिब्बों को बेहतर बनाया जाएगा
बताते चलें कि एक रेल के डिब्बे की औसत आयु 25 वर्ष से अधिक होती है। ऐसे में लगातार सेवा में चलने के चलते कुछ वर्षों में डिब्बों का इंटीरियर और बाहरी भाग बेकार हो जाता है वपुराना लगने लगता है। ऐसे में हरियाणा में लगाई जा रही इस फैक्ट्री में डिब्बों को फिर से नया सा बना दिया जाएगा। वहीं यात्रियों की मांग और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इन डिब्बो में आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
बड़े पैमाने पर मिलेगा रोजगार
रेल कोच फैक्ट्रियों में बहुत सारे सामान और पुर्जों की जरूतर होती है। ज्यादतार रेल फैक्ट्रियां ये पुर्जे और आवश्यकता का सामान छोटी व्यक्तिगत फैक्ट्रियों ऐसे खरीदती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सोनीपथ के आसपास के हिस्से में रेल कोच फैक्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई छोटे उद्योग विकसित हो जाएंगे। ऐसे में यहां राष्ट्र भर से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलने की आसार है।
ऊर्जा और जल संरक्षण के लिए भी उठाए गए कई कदम
रेलवे की ओर से सोनीपत में लगाई जा रही इस फैक्ट्री में 1 मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगाया जा रहा है। यहां पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट व वाटर रीसाइकलिंग प्लांट भी लगाए जाएंगे। इस फैक्ट्री को कुछ इस तरह बनाया गया है कि इसमें दिन के समय में बहुत ज्यादा मात्रा में सौर ऊर्जा रहे ताकि बिजली का खर्च कम से कम हो।