अमेरिका के सुप्रीम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 53 वर्षीय कावानाह की नियुक्ति की पुष्टि सीनेट में 50-48 मतों से हुई। कावानाह को शनिवार की शाम अमेरिकी सुप्रीम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने शीर्ष न्यायालय के 114वें न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति रॉबर्ट्स ने कावानाह को न्यायाधीशों के कॉन्फ्रेंस कक्ष में संवैधानिक शपथ दिलाई। वहीं, एसोसिएट जस्टिस (सेवानिवृत्त) एंथनी एम। केनेडी ने उन्हें न्यायिक शपथ दिलाई। इस दौरान कावानाह की पत्नी एश्ले कावानाह ने हाथों में परिवार का बाइबल पकड़ा हुआ था। शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति कावानाह की दोनों बेटियां लीजा व मार्ग्रेट व उनके माता-पिता भी उपस्थित थे।
कावानाह सुप्रीम न्यायालय में न्यायमूर्ति केनेडी की स्थान लेंगे जिन्होंने इसी साल अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी। सुप्रीम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कावानाह के शपथ ग्रहण के साथ ही सत्तारूढ़ रिपब्लिकन व विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच कई हफ्ते से चल रही खींचतान पर भी विराम लग गया है। पिछले कुछ हफ्ते में कावानाह पर तीन स्त्रियों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगने के बाद उनकी नियुक्ति को लेकर मुश्किलें बढ़ गई थीं व दोनों दलों के बीच खींचतान भी बढ़ गई थी।
वहीं, छह नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनावों के प्रचार के सिलसिले में कंसास में मौजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नियुक्ति की पुष्टि व शपथ ग्रहण के बाद कावानाह को फोन पर बधाई दी। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उन्हें बधाई देता हूं। बहुत अच्छे से लड़ी गई लड़ाई। मेरे कहने का अर्थ है कि किसने सोचा था कि ऐसा कुछ होगा उन्होंने क्या कुछ नहीं झेला?
कावानाह को बेहतर इंसान बताते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया कि विपक्षी डेमोक्रेटिक सांसदों के कारण हाल के हफ्ते में उनके परिवार को बहुत ज्यादा कुछ झेलना पड़ा है। बताते चलें कि अमेरिका के सुप्रीम न्यायालय में नौ सदस्य हैं जिनमें से दो ब्रेट कावानाह व नील गोर्सच को ट्रंप ने नामित किया है। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2009 व 2010 में क्रमश: दो महिला न्यायाधीशों सोनिया सोटोमेयर व ऐलेना कगन को नामित किया था।