अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने दिखाई अपनी ताकत , शुरू किया ये…

आज अमेरिका में बेरोजगारी की भीषण समस्या है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब एक करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं और उन्होंने बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन भी दिया।

ऐसे लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध करा पाना जो बाइडेन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही पूरी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन इससे भी बड़ी एक और चुनौती है!

ट्रम्प ने राष्ट्रवाद और अमेरिका फस्र्ट का नारा देकर पूरे अमेरिकी समाज में कट्टरवाद का जहर घोल दिया है। रंगभेद से तो वहां का समाज पहले से ही जूझ रहा है, इस नए कट्टरवाद ने हालात बुरे कर दिए हैं। अमेरिकी संसद पर ट्रम्प के समर्थकों का हमला इसी कट्टरवाद को प्रदर्शित करता है। ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में अपरोक्ष रूप से मुस्लिमों के प्रति खराब रुख रखा।

वे इस बात को समझते भी हैं इसीलिए कुर्सी संभालने के कुछ घंटों के भीतर ही उन्होंने ट्रम्प के कई फैसलों को बदल दिया। उन्होंने कहा भी कि बर्बाद करने के लिए उनके पास वक्त बिल्कुल भी नहीं है।

अब बाइडेन का फैसला है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सख्ती होगी। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य कर दिया गया है। ट्रम्प इसी बात से बचते रहे जिसके कारण चार लाख से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो गए। ट्रम्प ने लोगों की जान से ज्यादा अर्थव्यवस्था को तरजीह दी। लॉकडाउन को उन्होंने बार-बार खारिज किया। हालांकि वे अर्थव्यवस्था भी नहीं संभाल पाए।

हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि शपथ से पहले नेशनल गार्ड के 13 लोगों को ड्यूटी से हटा दिया गया क्योंकि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन को शक था कि ये ट्रम्प के समर्थक हैं और अंतिम समय में कुछ हरकत कर सकते हैं।

अविश्वास का ऐसा आलम अमेरिका ने अपने ढाई सौ साल के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी नहीं देखा।।! ये उदाहरण यह समझने के लिए काफी है कि ट्रम्प के चार साल के कार्यकाल के बाद अमेरिका इस वक्त कहां खड़ा है और नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए चुनौतियां कितनी बड़ी हैं।

तमाम तरह की कड़वाहटों के बीच आखिर जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान हो गए। कायदे से डोनाल्ड ट्रम्प को भी पदग्रहण समारोह में उपस्थित होना था लेकिन वो नहीं थे।

नकचढ़े और गुस्सैल बच्चे की तरह वे गायब रहे। पूरा संशय का माहौल था। डर का ऐसा आलम था कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए करीब 36 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी जिसमें 25 हजार तो नेशनल गार्ड्स थे। उनमें से भी हर किसी की जांच की जा रही थी कि कहीं वो ट्रम्प का आदमी तो नहीं है?