अकबर को महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न आरोप पर देनी होगी सफाई

यौन प्रताड़ना की शिकार हुई अमेरिकी महिलाओं द्वारा शुरू किया गया ‘मी टू’ अभियान अब भारत में भी परवान चढ़ने लगा है। इसकी चपेट में नरेन्द्र मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर भी आ गए हैं। इसके चलते उन पर मंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव बनने लगा है। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर एम.जे अकबर को सफाई देनी पड़ेगी। उसके बाद तय होगा कि क्या करना है।

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मालूम हो कि दो महिला पत्रकारों ने संपादक रहे एमजे अकबर पर नौकरी के लिए साक्षात्कार के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। एक ने कहा है कि एमजे अकबर ने होटल के एक कमरे में साक्षात्कार के समय कई महिला पत्रकारों के साथ गलत व आपत्तिजनक हरकतें की थी।

दूसरी ने कहा है कि एमजे अकबर ने उनके साथ 17 साल पहले गंदी हरकतें व यौन उत्पीड़न किया था। अश्लील टिप्पणियां करते थे और उनका जीना कठिन कर दिया था।

एक अच्छे संपादक रहे एमजे अकबर पर महिला पत्रकारों द्वारा इस तरह की हरकत करने के आरोप लगाने से बहुत से पत्रकार व भाजपा कार्यकर्ता चकित हैं।

इस मुद्दे पर कांग्रेस व अन्य कई राजनीतिक दलों ने एमजे अकबर को मंत्री पद से हटाने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता जयपाल रेड्डी ने कहा है कि ऐसा व्यक्ति जिस पर महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, उसको मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।

इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार सुधेन्दु पटेल का कहना है कि यह बीमारी सभी क्षेत्र में फैली हुई है। चाहे वह राजनीति हो या पत्रकारिता या प्रबंधन या रक्षा सौदा या जासूसी या ठेका लेने या काम कराने या नौकरी पाने या अन्य तमाम कार्य व क्षेत्र में। बहुतों का मामला ढंका रहता है, बहुतों का सबके सामने आ जाता है। जिन महिलाओं का यौन शोषण हुआ है, उनका खुलकर सामने आना अच्छा संकेत है। लेकिन डर है कि इसका दुरूपयोग भी हो सकता है।