हिमाचल के सिरमौर में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, वक्फ बोर्ड और घुसपैठियों का विरोध
सिरमौर: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में उपजे विवाद के बाद प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से विरोध प्रदर्शन सामने आ रहे हैं। शिलाई में देवभूमि संघर्ष समिति के सौजन्य से शनिवार को प्रदेश में अवैध घुसपैठियों को लेकर विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया।
देवभूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश और उपाध्यक्ष विनोद नेगी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि शिलाई क्षेत्र में भी समुदाय विशेष ने जमीन खरीद ली है। गाताधार में एक 14 बीघा जमीन खरीद ली है और जमीन का मालिक अब इस उनके पास नौकर बन गया है। द्राबिल पंचायत में भी 22 लोगों ने जमीनों की पावर ऑफ अटॉर्नी ग्रामीणों से ली हुई है जो दुख का विषय है। विश्रामगृह से रैली पहले अस्पताल रो और उसके बाद एसडीएम कार्यालय पहुंची जहां एसडीएम के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
देवभूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि दूसरे राज्यों से आकर पहचान छुपाकर बस रहे अन्य राज्यों के विशेष समुदाय से प्रदेश की शांति को खतरा बढ़ रहा है। पिछले दो दशकों से हिमाचल प्रदेश की जनसांख्यकी में षड्यंत्रपूर्वक परिवर्तन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दो दशकों से बाहरी राज्यों से विशेषकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, बमुरादाबाद, अमरोही, शामली, बिजनौर और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से समुदाय के लोग यहां लाकर बसाए जा रहे हैं। जिसके बाद डेमोग्राफी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखा जा रहा है। बाहरी राज्यों से यहां बस रहे ऐसे लोग संगठित होकर एक माफिया के रूप में कार्य करते हैं।
संजौली से शुरू हुआ था विवाद
31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुट भिड़े थे जिसके बाद मारपीट के छह आरोपी संजौली मस्जिद से गिरफ्तार किए गए थे। 11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों का उग्र प्रदर्शन हुआ और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के विरोध में पूरे हिमाचल में प्रदर्शन शुरू किया गया। 13 सितंबर को मंडी में भी मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद बिलासपुर, कसुम्पटी में भी अवैध मस्जिद का विरोध हुआ। 19 सितंबर को शिमला के नेरवा में हिंदुओं का प्रदर्शन किया गया। आज शनिवार 21 सितंबर को सिरमौर जिले में विरोध प्रदर्शन हुआ।