
यहां बता दें कि हाशिमपुरा हत्याकांड में मुश्लिम समुदाय के करीब 42 लोगों की मौत हो गई थी व इस मामले को लेकर उत्तरप्रदेश राज्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व नरसंहार में बचे जुल्फिकार नासिर सहित कुछ व्यक्तिगत पक्षों की अपीलों पर उच्च कोर्ट ने 6 सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रखा था. वहीं इस मामले में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री पी चिदंबरम की कथित किरदार का पता लगाने के लिए आगे जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर भी निर्णय सुरक्षित रखा गया था. यहां बता दें कि न्यायालय ने 17 फरवरी 2016 को स्वामी की याचिका को मामले में अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था. इसके अतिरिक्त इस मामले में दोषी पाए पुलिसवालों को निचली न्यायालय ने रिहा कर दिया था.
गौरतलब है कि हाशिमपुरा कांड में लिप्त पुलिसवालों पर मर्डर का मामला दर्ज किया गया था. यहां हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि 21 मार्च 2015 को निचली न्यायालयने संदेश का फायदा देते हुए प्रोविजनल आर्म्ड कांस्टेबलरी के 16 पुलिसवालों को 42 लोगों की मर्डर के मामले में रिहा कर दिया था व फिर पीड़ितों की याचिका पर सितंबर 2002 में सुप्रीम न्यायालय ने मामले को दिल्ली हाई न्यायालय में ट्रांसफर किया था. तभी से लेकर अब तक इस मामले में निर्णय नहीं आया था.