सीवीसी की जांच पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी अपनी टिप्पणी

सीबीआई के निदेशक छुट्टी पर भेजे जाने और अतंरिम निदेशक के तौर पर नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे। इस मामले पर आज न्यायालय ने सुनवाई की और दिवाली तक वर्मा को सीबीआई मुख्यालय न जाने के आदेश दिए। साथ ही सीवीसी से इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त जज की निगरानी में करवाने का आदेश दिया।

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इस मामले पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसी के पक्ष या विरोध में नहीं है। सीबीआई की स्वायतत्ता बरकरार रहेगी। सीवीसी की जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होगी। आज न्यायालय ने जो सीबीआई विभाग मामले में जवाब दिया है वह बहुत सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने हमारी बात को ही आगे बढ़ाया और पारदर्शिता का ख्याल रखा है।

जेटली ने कहा, ‘सरकार प्रोफेशनलिज्म को बरकरार रखने, छवि और सीबीआई की संवैधानिक अखंडता को बरकरार रखने में दिलचस्पी रखती है। आज उच्चतम न्यायालय ने निष्पक्षता के मानदंडों को और मजबूत किया है। उन्होंने एक समयावधि निश्चित की है निष्पक्षता के मानदंडों को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सीवीसी की जांच को सेवानिवृत्त जज की निगरानी में करवाने का आदेश दिया है।’

वित्त मंत्री ने कहा कि निष्पक्षता के हित में सीवीसी ने एक आदेश पारित किया है कि सीबीआइ के दोनों शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ जांच लंबित होने तक उन्हें एक-दूसरे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हालिया घटनाओं ने सीबीआई की विश्वसनीयता को खत्म कर दिया था। दोनों अधिकारियों को जांच पूरी होने तक सीबीआई के सभी कार्यों से न्यायालय ने दूर रखा है।’

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