राम मंदिर पर संसद में बिल लाएंगे बीजेपी सांसद

भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा संसद के शीतकालीन सत्र में अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए प्रस्ताव लाएंगे. खुद राकेश सिन्हा ने इस बात की पुष्टि की है.
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आरएसएस विचारक के रूप में विख्यात राकेश सिन्हा ने अमर उजाला से वार्ता में बोला कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वे प्राइवेट मेम्बर बिल के रूप में अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए यह प्रस्ताव लाएंगे. उन्होंने बोला कि फिलहाल, इस मुद्दे पर अंतिम निष्कर्ष निकालने के लिए अभी वे कुछ शीर्ष लोगों से वार्ता कर रहे हैं.

बीजेपी सांसद की तरफ से राममंदिर निर्माण के लिए बिल का यह प्रस्ताव ऐसे समय में किया गया है जब आरएसएस  विहिप ऐसे बिल की लगातार मांग कर रहे हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कई बार गवर्नमेंट से मंदिर निर्माण के लिए संसद में बिल लाने की मांग की है. विहिप अभी भी इस मुद्दे पर पूरे राष्ट्र के हर सांसद से मिलकर मंदिर निर्माण के लिए बिल पर उनसे सहमति मांगने की मुहिम चला रहा है.

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, लालू, येचुरी  मायावती समेत कई नेताओं को चुनौती देते हुए बोला है कि वह अपना स्टैंड क्लियर करें. इस मुद्दे पर उन्होंने गुरुवार को कई ट्वीट भी किए. 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं  इससे पहले यह मुद्दा संसद के साथ साथ लोगों के लिए भी बहस का भाग बनने जा रहा है. मामले पर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने राम मंदिर पर बयान देते हुए बोला कि राम मंदिर के लिए सिर्फ एक ही तरीका है, अध्यादेश लाएं या फिर जमीन अधिग्रहण करें.

सुप्रीम न्यायालय द्वारा मामले को टालने के बाद से ही आरएसएस, वीएचपी जैसे कई हिंदू संगठन केंद्र की मोदी गवर्नमेंट पर राम मंदिर पर अध्यादेश लाने का दबाव बना रहे हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि राम मंदिर पर अध्यादेश लाना सरल कार्य नहीं है, इस रास्ते में कई रुकावटें हैं.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जो लोग (भाजपा  आरएसएस) को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं, उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिला का समर्थन करेंगे? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का.‘ उन्होंने अपने इस ट्वीट में राहुल गांधी, अखिलेश यादन, सीतीरीम येचुरी  लालू प्रसाद यादव को भी टैग किया.

सिन्हा ने आगे बोला कि राम मंदिर मामला हिंदुओं के लिए प्राथमिकत में है. सुप्रीम न्यायालय को धारा 377, जलिकट्टू  सबरीमाला पर निर्णय सुनाने में कितने दिन लगे? लेकिन दशकों से ये मुद्दा प्राथमिकता में नहीं है.

31 जनवरी-1 फरवरी को प्रयागराज में हिन्दू सन्तों की धर्मसंसद का आयोजन किया जाना है. इस संसद में भी राममंदिर के लिए बिल लाने पर गवर्नमेंट पर दबाव पड़ सकता है. इस अर्थ में बीजेपी सांसद के इस बिल को विशेष अर्थ में देखा जा सकता है.

कांग्रेस पार्टी नेता राजीव त्यागी ने राममंदिर पर बिल लाने की चर्चा पर अपनी रिएक्शन देते हुए बोला कि पिछले साढ़े चार वर्ष से ज्यादा समय तक जनहित में कोई कार्य न कर पाने के बाद बीजेपी को वोट पाने के लिए अब फिर राम की शरण में जाना पड़ रहा है. लेकिन जनता उनकी इस चाल को समझती है  इस बार बीजेपी इसमें सफल नहीं होगी. त्यागी के मुताबिक उन्होंने न्यायालय के आदेश से राममंदिर का ताला भी खोला था  संसद में बिल लाकर सोमनाथ मंदिर का निर्माण भी कराया था. बीजेपी को भी राष्ट्र के संविधान का पालन करना चाहिए  न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहिए.
ये है प्राइवेट मेंबर बिल
हिंदुस्तान में कानून बनाने के लिए बिन पेश किए जाते हैं. इसे गवर्नमेंट के मंत्री या किसी सांसद की ओर से पेश किया जाता है. इसे सरकारी बिल  दूसरी स्थिति में प्राइवेट मेंबर बिल बोला जाता है. संसद में सरकारी विधेयकों के अतिरिक्त सदस्यों को पर्सनल विधेयक लाने का भी अधिकार है. लेकिन इन विधेयकों को कानून का रूप देना है या नहीं यह गवर्नमेंट के रुख से तय होता है. हर शुक्रवार को लोकसभा  राज्यसभा में व्यक्तिगत विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) पेश किए जाते हैं.