
इन कंपनियों का जारी होता है कार्ड
राष्ट्र में ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को मास्टरकार्ड या फिर वीजा का डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने इन विदेशी पेमेंट गेटवे कंपनियों को राष्ट्र में अपना सर्वर लगाने के लिए 15 अक्तूबर तक की मोहलत दी थी.
वित्त मंत्री से बात करके भी नहीं निकला हल
हालांकि इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने 5 अक्तूबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा था व समय सीमा आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. कंपनियों की दलील है कि डेटा स्टोर करने में करीब 2 वर्ष का वक्त लगेगा. कंपनियों को केवल डेटा स्टोर के बजाय कॉपी रखने की भी छूट की मांग की है.
वित्त मंत्रालय डेटा की कॉपी रखने की छूट के पक्ष में है. आर्थिक मामलों के सचिव ने भारतीय रिजर्व बैंक को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है.
फीका हो जाएगा फेस्टिव सीजन
भारतीय रिजर्व बैंक का निर्णय आने के बाद आगामी फेस्टिव सीजन के फीका रहने की संभावना है. नोटबंदी के बाद से राष्ट्र में डेबिट और क्रेडिट कार्ड का चलन बहुत ज्यादा बढ़ा है.ज्यादातर लोग अब कार्ड के जरिए ही खरीदारी करते हैं. हिंदुस्तान ने भी अपना रूपे डेबिट क्रेडिट कार्ड जारी करना प्रारम्भ कर दिया है. लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा कम है, जिनके पास रूपे कार्ड है.