सुप्रीम न्यायालय ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बुधवार तक बिहार से पंजाब के पटियाला कारागार में भेजने का आदेश दिया. वहीं, न्यायमूर्ति मदन बी। लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अब तक गिरफ्तारी नहीं किए जाने को लेकर सवाल भी उठाए. बता दें कि मंजू वर्मा के घर से गोला-बारूद बरामद हुए थे.
पिछली तारीख पर न्यायालय ने ठाकुर को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों नहीं उन्हें बिहार के बाहर दूसरी कारागार में शिफ्ट कर दिया जाए. मंगलवार को ठाकुर के एडवोकेट ने जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा था. इस पर पीठ ने बोला कि हमें कभी भी जवाब दीजिए, लेकिन आपके मुवक्किल को आज या कल तक पटियाला कारागार में शिफ्ट होना होगा.
पीठ ने मंजू वर्मा को लेकर बोला कि उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो गई है. फिर अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. पीठ ने बिहार गवर्नमेंट को बुधवार को जवाब दाखिल करने के लिए बोला है. सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि मामले की पड़ताल कर रही CBI के कुछ ऑफिसर बदल दिए गए हैं.
इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए बोला कि जब हमने जांच टीम में परिवर्तन करने से मना किया था तो ऐसा क्यों किया गया. पीठ ने CBI से बोला कि वह 20 सितंबर को जांच दल में शामिल अधिकारियों व मौजूदा अफसरों की सूची बुधवार तक पेश करें.
ये है पूरा हमला
बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार का खुलासा होने के बाद ही राजनीतिक बहस तेज हो गई थी. इस कांड का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में हुआ. जब गवर्नमेंट पर विपक्षी पार्टियों व लोगों का दबाव बढ़ा तो इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की गई. अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से 15 वर्ष की बच्ची का भी कंकाल मिला है. जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है.