मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता जोर-शोर से प्रचार में जुट गए हैं। वादे और सियासी वार कर वोटरों को रिझाने की कोशिश की जा रही है। वहीं पिछले चुनाव में दो संतों के लोकसभा चुनाव जीतने और योगी आदित्यनाथ के उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से साधुओं की सियासी चाहत परवान चढ़ने लगी है। मध्यप्रदेश में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त संत कंप्यूटर बाबा के बाद एक और संत ने सियासी राह पकड़ ली है। फिलहाल कंप्यूटर बाबा शिवराज की परेशानी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में अब एक और बाबा शिवराज सरकार की मुसीबत बढ़ा सकतें है। पंडोखर सरकार धाम के संचालक गुरुशरण महाराज उर्फ पंडोखर सरकार ने नई पार्टी का ऐलान किया। जिसका नाम सांझी विरासत पार्टी दिया।
पार्टी के नाम का ऐलान करते ही पंडोखर सरकार ने कहा कि वो मध्य प्रदेश की 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। इस दौरान उन्होंने समान सोच वाले राजनितिक दलों को साथ आने का भी ऑफर दिया। पंडोखर सरकार सेवड़ा विधानसभा चुनाव से किस्मत अजमा सकते हैं। दतिया के पंडोखर सरकार धाम के संचालक गुरुशरण महाराज उर्फ पंडोखर सरकार का ग्वालियर-चंबल संभाग में खासा असर है। उनसे मिलने और उनका आशीर्वाद लेने वालों में आम जनता के साथ-साथ कई बड़े नेता भी उनके दरबार में हाजिरी लगाते देखे गए हैं।