
शेरों की जान बचाने के लिए वन विभाग ने सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि इंग्लैंड की भी मदद मांगी है। चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (वाइल्डलाइफ सर्कल, जूनागढ़) डीटी वासवडा ने इस बारे में बात करते हुए बोला कि ‘उन्होंने शेरों की सुरक्षा के लिए रॉयल वेटरनरी कॉलेज, लंदन के विशेषज्ञों से मदद मांगी है। इतना ही नहीं उन्होंने वन विभाग ने इन विशेषज्ञों को गिर नेशनल पार्क के सभी प्रभावित इलाको का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया है। ‘
वासवडा ने अपनी वार्ता में आगे इस बात से इंकार किया है कि लोगों की ऐसी धारणा बनाना गलत है कि गुजरात के शेर समाप्त होने की कगार पर है। जबकि सच्चाई तो यह है कि सिर्फ 25 वर्ग किलोमीटर का एरिया इस बीमारी से प्रभावित हुआ है, जिसके कारण 23 शेरों की मौत हुई है। लेकिन गिर नेशनल पार्क में शेर दूर-दूर तक फैले हुए हैं व वे यहाँ सुरक्षित भी है।आपकी जानकारी के लिए बताते चलें वासवडा जिन भी प्रभावित क्षेत्रों की बात कर रहे हैं वो गिर के दलखानिया रेंज में आते हैं। यह गिर के पुर्वी हिस्से हैं व इस एरिया में बड़ी तादाद में रिसोर्ट भी बने हुए हैं जो जंगल ट्रैक से बहुत ज्यादा ज्यादा नजदीक है। गिर के शेर भी इस एरिया के आसपास विचरण करते हैं।