बिजली की चोरी रोकने के लिए सरकार का नया प्रयास, उपभोक्ताओं को जल्द मिलेगी ये सुविधा

देश में बिजली की चोरी रोकने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन इसके बावजूद बिजली की चोरी कम नहीं हुई है। इसी के मद्देनज़र बिजली की चोरी रोकने के लिए 1 अप्रैल से प्रत्येक घर में प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने 2022 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिलेगी। उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह बिजली को रिचार्ज कराना होगा। इसके पूरा होते ही उपभोक्ताओं के घर में बिजली का बिल पहुंचने के दिन समाप्त हो जाएंगे।


ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में 24X7 सभी को निर्बाध तरीके से बिजली मिल सकती है. यह करना भी जरूरी होगा। प्रत्येक घर में बिजली को केवल प्रीपेड मीटर के जरिए सप्लाई किया जाएगा. बिना प्रीपेड मीटर के बिजली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे। आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे. न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा।

इस बैठक में लाइन लॉस को कम करने पर भी सहमति बनी और इसको जनवरी 2019 तक 15 फीसदी से नीचे लाया जाएगा। अभी देश भर में लाइन लॉस कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक है। लाइन लॉस वो होता है, जब लोग कटिया डालकर या फिर कम लोड लेकर चोरी करके बिजली को जलाते हैं। प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद लाइन लॉस कम होने की उम्मीद है, जिसके चलते आने वाले वक्त में बिजली की दरें कम हो सकती हैं। इसके कई फायदे होंगे, उपभोक्ताओं को बिल भेजे जाने की कवायद खत्म होगी. बिजली कंपनियों पर बकाया का भार नहीं रहेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट मीटर के तमाम फायदों को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार करें। इससे बिजली क्षेत्र में क्रांति आएगी, नुकसान कम होंगे और बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति सुधरेगी।