बनारस में दिखे ​तेजप्रताप यादव, इस वजह से चकमा देकर भागना पढ़ा होटल से

राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अपने तलाक की अर्जी देने के बाद गया के होटल में सभी लोगों को चकमा दे वाराणसी पहुंचे हैं। वह सोमवार को गया से पटना लौटने वाले थे। मगर, वे गया से सीधे बनारस पहुंच गए। यहां मंगलवार सुबह उनके माथे पर चंदन लगा था और सिर पर लाल साफा बंधा था। वह सामान्य वेषभूषा में दिखे और मंदिर जा रहे थे।

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3 दोस्तों और ड्राइवर के साथ दिखे

बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास उन्हें देखा गया, तो उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि ‘मैं कहीं भागा नहीं हूं। काशी विश्वनाथ मंदिर आया हूं, दर्शन-पूजा के लिए।’ बता दें कि तेजप्रताप अपने 3 दोस्तों एवं ड्राइवर के साथ गायब हुए थे। तब लोगों को आशंका थी कि वे वृंदावन चले गए हैं। लेकिन वे आज बाबा विश्वनाथ के दर पर पहुंच गए।

लालू ने समझाया, कहा था- मान जा बबुआ, बड़ी बदनामी होई

ऐश्वर्या को तलाक के फैसले पर तेजप्रताप के पिता लालू यादव ने भी तेजप्रताप को समझाया। लालू ने कहा, ‘मान जा बबुआ, चुनाव के टाइम बा, बड़ी बदनामी होई।” लेकिन तेजप्रताप अडिग ही रहे, जबकि पापा लालू ने 3 घंटे बिठाकर समझाया। मगर वह फिर भी नहीं माने और दोबारा उनसे कहा- अब और घुट-घुटकर नहीं जी सकता।’

ऐश्वर्या को देखना भी नहीं चाहते अब?

तेजप्रताप के सबसे दुबककर वाराणसी जाने के पीछे उनकी पत्नी ऐश्वर्या की कलह को ही वजह माना जा रहा है। तलाक की जो अर्जी दी गई, उससे यह साफ होता है कि वे पत्नी ऐश्वर्या को अब साथ नहीं रखना चाहते। यहां तक कि वे अब हर उस शख्स से दूरी बना रहे हैं, जो एश्वर्या के साथ उन्हें रहने की सलाह दे रहा है।

आखिर क्यों ऐश्वर्या के सामने नहीं नहीं आना चाहते?

अदालत में तलाक की अर्जी देने के बाद से ही तेज प्रताप यादव पटना स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास भी नहीं आना चाहते। दरअसल, वह पत्नी ऐश्वर्या राय से बचना चाह रहे हैं। ऐश्वर्या के सवालों का सामना करने की हिम्मत उनमें नहीं है। वह पास आईं तो साथ रहने का दवाब बना सकती हैं। वहीं, राबड़ी देवी की पूरी कोशिश है कि तेज प्रताप अपने घर लौट आएं। बताया ये भी जा रहा है कि पटना में राबड़ी देवी की डांट सुनने के बाद तेज प्रताप शुक्रवार की देर रात ही रांची के लिए रवाना हो गए थे, किंतु बाद में लौट आए। घर आते ही जैसे ही पता चला कि ऐश्वर्या भी आ गई है, तो फिर रांची के लिए निकल गए। रांची में ढाई घंटे समझाने के बावजूद लालू प्रसाद भी उन्हें रास्ते पर नहीं लौटा सके।

घरवालों पर लगाया ये आरोप, बोले- मेरे अपने हुए पराए

बता दें कि शनिवार को पिता से मिलने रांची रवाना होने से पहले पटना में तेजप्रताप ने कहा था कि तीर कमान से निकल चुका है। उन्होंने कहा था, ”मैं अब घुट-घुट कर नहीं जी सकता। अच्छा है हमारा रास्ता अलग हो जाए। मम्मी-पापा ने हमको मोहरा बना दिया। मेरी बात तक नहीं सुनी।’ अपनी शादी को बेमेल करार देते हुए उन्होंने कहा-मेरा और ऐश्वर्या में कोई मेल नहीं है। हम दोनों की सोसाइटी में फर्क है। मुझे तो राधा चाहिए, ऐश्वर्या वो राधा नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा हो गया है कि मां-पिता, भाई-बहन सबके सब ऐश्वर्या के साथ खड़े हो गए हैं।

ये बताई तलाक के पीछे की मूल वजहें

पत्नी को शादी के 5 महीने बाद ही तलाक देने के पीछे तेजप्रताप ने मूल वजह प्रता​ड़ना को बताया है। उनका कहना है कि ऐश्वर्या सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि परिवारीजनों को भी परेशान करती है। वह अपने बाप के लिए चुनाव की टिकट चाहती है। वह बहुत स्वार्थी भी है। वह उसके साथ नहीं रह सकते, उन्हें शांति मिल सकती है तो राधा के साथ। वह ऐश्वर्या की तरह वेस्टर्न कल्चर को भी फॉलो नहीं करते, यह शादी तो जल्दबाजी में करा दी गई थी। मेरी उनमें दिलचस्पी नहीं थी।

पटना लौटने वाले थे, लेकिन दुबककर यूपी आ गए

संवाद सूत्रों के अनुसार, तेजप्रताप अपने पिता से रांची में मिल कर लौटने के दौरान तबीयत खराब होने पर बोधग या में रुके थे। सोमवार की शाम को वह पटना लौटने वाले थे। मगर, वे दोपहर तक अपने कमरे में ही सोये रहे। स्थानीय विधायक कुमार सर्वजीत एवं अन्य राजद नेता उनके जगने का इंतजार करते रहे। कई मीडियाकर्मी भी बाहर जमे रहे। लेकिन तेजप्रताप उन्हें नहीं दिखे। इसकी पीछे वजह ये थी कि वे होटल की पार्किंग से डीजल डालने के बहाने पिछले दरवाजे से अपने 2 अंगरक्षकों संग निकल भागे थे। वहीं, एस्कार्ट कर रहे जवान, विधायक व अन्य कार्यकर्ता होटल की लॉबी में उनका इंतजार कर रहे थे। सोमवार रात तक किसी को भनक तक नहीं लगी। जबकि, दूसरे दिन वह उत्तर प्रदेश के बनारस में दिखे।

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