फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियों को विभाजित करने का ये मुद्दा आया सामने

सिलिकॉन वैली स्थित फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियां इतनी प्रभावशाली हो चुकी हैं कि इनकी ताकत को विभाजित करने की जरूरत हो सकती है। हालांकि यह तब तक संभव नहीं है जब तक इनकी तुलना में कोई दूसरी प्रतियोगी कंपनी नहीं आ जाती या लोगों की आदतों में इनके इस्तेमाल को लेकर बदलाव नहीं होता। वर्ल्ड वाइब वेब के जनक टिम बर्नर-ली ने एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही।

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उन्होंने कहा, 90 के दशक ने अमेरिका आधारित कुछ तकनीकी कंपनियों को जन्म दिया और अब यह मुट्ठी भर कंपनियां संयुक्त रूप से कई स्वतंत्र देशों की तुलना में वित्तीय और सांस्कृतिक रूप से अधिक शक्तिशाली बन गई हैं। एपल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, गूगल और फेसबुक के पास संयुक्त रूप से 3.7 खरब डॉलर का बाजार है, जो जर्मनी के पिछले साल के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है। ऐसे में इनकी बढ़ती ताकत को तोड़ने की जरूरत हो सकती है।

लंदन में जन्मे कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम ने आगे कहा, व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग और नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने जैसे मामले सामने आने के बाद वह इंटरनेट की वर्तमान स्थिति से काफी निराश हैं।

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