फिल्म ‘दि वेडिंग गेस्ट’ के साथ हॉलीवुड मेंइस एक्टर्स ने रखा कदम

माइकल विंटर बॉटम की फिल्म ‘दि वेडिंग गेस्ट’ (2018) के साथ हॉलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री राधिका आप्टे ने अब अपनी दूसरी हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग भी प्रारम्भ कर दी है. ‘दि वेडिंग गेस्ट’ में एक्टर देव पटेल भी थे. इस दूसरी फिल्म में राधिका एमी अवॉर्ड विजेता निर्देशक लिडिया डीन पिल्चर की अगली फिल्म का भाग होंगी, जिसमें वह एक खुफिया एजेंट नूर इनायत खान का भूमिका निभाती नजर आएंगी.

राधिका, जो इन दिनों अपनी दूसरी हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग के लिए विदेश में हैं, हिंदुस्तान की ऐसी अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिन्हें लीक से हटकर भूमिकाएं निभाने में महारत हासिल है. इस बारे में राधिका कहती हैं, ‘मेरा झुकाव हमेशा से ही गैर-पारंपरिक सिनेमा की तरफ रहा है. हमारी इंडस्ट्री जिस तरह से बदल रही है, उससे मैं बेहद खुश हूं. साथ ही इस बात से भी कि दर्शक अब खुले दिल से नयी कहानियों को स्वीकार कर रहे हैं. शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि व्यावसायिक सिनेमा से कहीं ज्यादा गैर-पारंपरिक सिनेमा को पसंद किया जा रहा है. इससे मेरी पहचान  पुख्ता हुई है.

राधिका हमेशा से ही व्यावसायिक की अपेक्षा अर्थपूर्ण सिनेमा की पक्षधर रही हैं. उनका मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में उनका सम्मान भी इसी वजह से है. वह कहती हैं, ‘मैं कभी भी शोहरत या पैसे के पीछे नहीं भागी. जब लोग मेरे कार्य को  मुझे पहचानते हैं तो खुद पर फख्र होता है. जिस तरह की इज्जत मुझे यहां मिल रही है, उसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी. हालांकि मुझे व्यावसायिक फिल्मों में कार्य करने से कोई गुरेज नहीं है, पर मेरी अहमियत हमेशा विविधतायुक्त भूमिका  मजबूत कथानक वाली फिल्में रहेंगी.’ याद दिलाते चलेंकि राधिका ‘पैडमैन’(2018)  ‘अंधाधुन’(2018) जैसी फिल्मों का भाग रही हैं, जिन्होंने अच्छा-खासा पैसा कमाया था.

इतना ही नहीं, राधिका के खाते में ‘सेक्रेड गेम्स’, ‘गुल’ जैसी वेब सिरीज  ‘लस्ट स्टोरीज’ जैसी वेब फिल्म भी हैं, जिन्हें जबरदस्त सफलता मिली थी. उनकी मानें तो बतौर एक्टर वह किसी एक माध्यम तक सीमित नहीं रहना चाहतीं.

वह कहती हैं, ‘ऐसा नहीं है कि मैंने अपने करियर से जुड़ी कोई विशेष रणनीति बनाई है. मेरे करियर में माध्यम या भाषा से जुड़ी कोई बाध्यता भी नहीं है. बस, जो कुछ भी मुझे दिलचस्प लगता है, मैं उसके लिए हामी भर देती हूं. एक एक्टर के तौर पर हमेशा हमें वही नहीं मिलता, जो हम चाहते हैं. हमें उपलब्ध विकल्पों में से ही ठीक चयन करना होता है.