दरअसल इस सारे मुद्दे पर सरकार द्वारा गठित कमिटि ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 1955 में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने सोसायटी बनाकर ग्राम समाज की ज़मीन पर अतिक्रमण कर लिया था। जिसकी वजह से मुद्दा इतना बढ़ा कि 10 लोगों की मर्डर हो गई। प्रियंका गांधी इससे पहले 19 जुलाई को भी सोनभद्र दौरे के लिए वाराणसी होते हुए मिर्जापुर तक पंहुची थीं, लेकिन उम्भा गांव में दशा अच्छा न होने की वजह से उन्हें रोककर चुनार के किले में रखा गया था। प्रियंका अपनी ज़िद पर अड़ी रहीं व डेढ़ दिन तक कैंप कर सोनभद्र के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्होंने कांग्रेस पार्टी की तरफ से दस-दस लाख रूपये की मदद की घोषणा की थी। ये धनराशि पीड़ित परवारों को अजय कुमार लल्लू के हाथों वितरित की जा चुकी है।
‘प्रियंका वाड्रा जी ओछी पॉलिटिक्स कर रही हैं’
इस सारे हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के दौरान देश भर के कांग्रेसियों ने उग्र प्रदर्शन किये थे। अब एक बार फिर जब प्रियंका सोनभद्र जा रही हैं तो भाजपा इसे नाटक करार दे रही है।उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवकत डॉ चन्द्रमोहन ने बोला कि श्रीमती प्रियंका वाड्रा जी ओछी पॉलिटिक्स कर रही हैं। प्रियंका वद्र सिर्फ नाटक कर रही हैं। उन्होंने बोला कि प्रियंका गांधी को देखना चाहिए कि सोनभद्र में जो हुआ उसके लिए जिम्मेदार कौन है? जब इस जमीन का प्रकरण प्रारम्भ हुआ उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। तब से लेकर 2014 तक जब यूपीए की सरकार थी तब तक कितने लोगों को आपने जमीन टकराव से बाहर निकाला? क्या प्रियंका वाड्रा इस बारे में बताएंगी? प्रियंका गांधी जो अब सोनभद्र आ रही हैं दरअसल वह ठीक अर्थ में अपराधियों की मदद के लिए आ रही हैं। भाजपा प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहनवहीं कांग्रेस पार्टी भाजपा के इस सवाल पर पलटवार करते हुए कह रही है कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश को लेकर बेहद गंभीर हैं व सोनभ्द्र में अब तक पीड़ित परिवारों को उनकी ज़मीन पर हक नहीं मिल सका है। लिहाज़ा प्रियंका एक बार फिर इन पीड़ित परिवारों से मिलकर सरकार के सामने इस मामले को उठाएंगी।