
एफिल टावर का नाम एक इंजीनियर गुस्तव एफिल के नाम पर रखा गया है. रात के वक्त यहां की तस्वीर खींचना अवैध है. दरअसल, इस टावर पर लगी लाइट्स के डिजाइन पर उसके कलाकारों का कॉपीराइट है. एफिल टावर का निर्माण 300 कारीगरों ने कार्य किया था. इसे बनाने में 18,038 लोहे के टुकड़े व 2.5 मिलियन कील का प्रयोग हुआ था.
दूसरे दुनिया युद्ध के दौरान हिटलर जब पेरिस पहुंचा तो एफिल टावर के लिफ्ट की केबल काट दी गई थी, ताकि वो इस टावर के सबसे ऊपर न पहुंच सके. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि एफिल टावर को दुनिया मेले के प्रवेश द्वार के रूप में तैयार किया गया था.
इसके बाद इसे तोड़ने की योजना भी बनी लेकिन इसकी बढ़ती लोकप्रियता व सुंदरता के चलते इसे तोड़ा नहीं गया. यह टावर फ्रांस की संस्कृति का प्रतीक व दुनिया के साथ अजूबो में शामिल है.