
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर रिएक्शन देते हुए अजीत पवार ने बोला था, ‘उद्धव ठाकरे 25 तारीख को अयोध्या जाएंगे. उद्धव आप वहां कौन सा दिया जलाओगे?’ अजित पवार ने सवाल किया था कि उद्धव अपने पिता बाल ठाकरे का एक स्मारक तक नहीं बनवा पाए हैं जबकि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से लेकर राज्य व केंद्र में उनकी गवर्नमेंट है.
शिवसेना को अजीत का यह बयान बिलकुल रास नहीं आया. इसी वजह से उसने उन्हें बारामती नाली का कीड़ा बताते हुए बोला है कि राज्य में आज जो किसानों का बुरा हाल है उसके लिए यही पवार जिम्मेदार हैं. इनके लोगों ने महाराष्ट्र में 70-80 हजार करोड़ रुपये का सिंचाई घोटाला किया. 15 वर्षों तक महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज रहने वाले अजित ने सरकारी खजाने को लूटने का कार्य किया है.
शिवसेना ने आगे बोला कि घोटाले से बरी होने के लिए अजीत पवार बीजेपी की चप्पलों की पोंछते रहे व अधिकारियों को बलि का बकरा बना दिया. सामना में अजीत पवार को महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स का बेकार माल बताते हुए लिखा है कि वह इस वजह से भौंक नहीं रहे हैं क्योंकि उन्हें भय है कि बीजेपी उनके घोटाले की फाइल खुलवा देगी. पार्टी ने अजित के बयान को ईश्वर श्री राम व बाला साहेब का अपमान बताया है.