नागरिकता विधेयक के खिलाफ आज असम बंद

असम में चल रहे नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर आज मंगलवार को भारी विरोध के बीच 40 संगठनों ने बंद का आहान किया है। जिसके चलते राज्य के कई इलाकों में बाजार बंद हैं। इसके अलावा सड़कों पर वाहन भी नहीं चल रहे हैं। हालांकि असम के वित्‍त और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हिमंत बिस्‍व शर्मा ने गुवाहाटी हाई कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अभी किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती है।

Image result for नागरिकता विधेयक के खिलाफ आज असम बंद

इसके अलावा उन्होंने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी सरकारी कर्मचारी आवश्‍यक रूप से ऑफिस आएं। इसके अलावा राज्य में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की कोई हिंसा ना हो।  कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई ने कहा है किअसम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और अन्य 40 संगठनों ने बंद के लिए हाथ मिलाया है।

इस बंद में कांग्रेस भी शामिल होने जा रही है। इसके अलावा वित्‍त मंत्री हिमंत बिस्‍व शर्मा ने कहा है कि राज्‍य में सभी दुकानें खुली रहनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी आवश्‍यक रूप से ऑफिस आएं अन्‍यथा इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।

गोगोई ने कहा, ‘बीजेपी सरकार असम की जाति, माटी और भेटी की रक्षा का वादा कर यहां सत्ता में आई थी। लेकिन यह अपने वादे से मुकर गई और स्थानीय समुदायों के खिलाफ एक साजिश रच रही है। असम की बीजेपी सरकार संविधान संशोधन विधेयक के जरिए हिंदू बंगालियों को नागरिकता देना चाहती है। मेघालय में मंत्रिमंडल ने विधेयक का विरोध करने का निर्णय पहले ही ले लिया है, जहां बीजेपी भी सरकार का हिस्सा है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने पूरी ताकत के साथ विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह असम में स्थानीय समुदायों को प्रभावित करेगा।’ गोगोई ने असम सरकार से यह मांग भी की कि वह हिंदू बंगालियों के एक संगठन द्वारा नागरिकता विधेयक के समर्थन में 17 नवंबर को प्रस्तावित एक सम्मेलन को रोके।

उन्होंने चेताया कि यदि हिंदू बंगालियों को सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति दी गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा, ‘हिंदू बंगाली संगठनों को आरएसएस का समर्थन प्राप्त है और वे असम में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना चाहते हैं। हम मांग करते हैं कि सरकार सम्मेलन को रोके।’