
तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने टीडीपी व दूसरे छोटे दलों के साथ साझेदारी कर रखा है, इसलिए कांग्रेस पार्टी चंद्रबाबू को निशाना नहीं बना रही, लेकिन टीआरएस व बीजेपी अपनी चुनावी रैलियों में सीधे तौर पर चंद्रबाबू पर निशाना साध रही हैं। दोनों दलों के नेता जनता के बीच यह प्रचार कर रहे हैं कि अगर कांग्रेस-टीडीपी साझेदारी विधानसभा चुनाव जीतता है तो तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू की कठपुतली गवर्नमेंट होगी, जो उनके इशारे पर चलेगी।
वहीं कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी व टीआरएस के बयान से खुद का बचाव करते हुए कांग्रेस पार्टी का कहना है कि विभाजनकारी व विध्वंसक पॉलिटिक्स को समाप्त करने के लिए उसने तेदेपा के साथ हाथ मिलाया है। तेलंगाना में महागठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पार्टी का कहना है कि 9 नवंबर तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि आंध्र प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बने तेलंगाना में पिछली बार की तरह इस बार भी राज्य बंटवारे का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है, टीआरएस इसी को मुद्दा बनाकर तड़पा को निशाना बना रही है।