व्हाट्सअप व फेसबुक पर साल 2018 में एक पोस्ट खूब वायरल होती थी। ये पोस्ट थी बाइक बोट की।
मतलब टैक्सी बाइक में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की। इस पोस्ट में बोलाजाता था कि एक बाइक के रूप में आप 62100 रुपये लगाएं व हर महीने करीब 10 हजार रुपये घर बैठे पाएं।
इस निवेश की आरंभ मेरठ से हुई थी। गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स कंपनी का नाम बताया जाता था। ऐसा नहीं था कि कंपनी सिर्फ मेरठ में कार्य कर रही थी। बल्कि कंपनी का कार्यालयसिर्फ मेरठ में ही थी। हर महीने 10 हजार रुपये की मोटी रकम के लालच में लोग आते गए व ठगी के आरोपियों ने अपना जाल फैलाना शुरु कर दिया।
कुछ समय बाद ही कंपनी ने नोएडा में भी अपना कार्यालय खोल दिया। इसके बाद तो मानों कंपनी पर नोटों की बारिश होने लगी। पुलिस की जाँच में सामने आया है कि ऐसा शायद ही कोई निवेशक था जिसने कंपनी में 62100 रुपये लगाए हों। कोई दो लाख रुपये लगाने वाला था तो कोई पांच लाख।
ये तो एक उदाहरण है जबकि लोगों ने 30-30 लाख रुपये लगाए हैं। ये ही वजह है कि ठगी का ये मुद्दा कई हज़ार करोड़ का भी होने कि सम्भावना है। नवम्बर 2018 तक आरोपी संजय भाटी ने निवेशकों को हर महीने की किस्त उनके खातों में भेजी। लेकिन जैसे ही कंपनी में सैकड़ों करोड़ रुपये जमा हो गए तो हर महीने किस्त भेजना बंद कर दिया व कई स्थान खुल चुके कार्यालय भी बंद कर दिए गए।
इसके बाद देशभर में ठगी का शिकार हुए निवेशकों ने व्हाट्सअप पर ग्रुप बना-बनाकर जुड़ना शुरु किया व धरना-प्रदर्शन शुरु कर दिया। 10 जून को निवेशकों ने दिल्ली में एक बड़ा प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी थी, लेकिन उससे पहले ही मुख्य आरोपी संजय भाटी ने न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया।
चर्चा है कि मुख्य आरोपी एक सियासी पार्टी से भी जुड़ा हुआ था। वो लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहा था, लेकिन निवेशकों के हंगामे के चलते उसे टिकट नहीं मिली।