
विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात का सौभाग्य मिला. हिंदुस्तान व भूटान के बीच विशेष मित्रता को हमेशा ही ड्रक ग्यालपोस (भूटान के राष्ट्राध्यक्ष) के प्रबुद्ध मार्गदर्शन से फायदा मिला है.’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बेहद विनीत भूटान महारानी ग्यालत्सुएन से भी मुलाकात का सौभाग्य मिला. ड्रक ग्यालसी से भी वार्ता हुई!’’
जयशंकर ने शुक्रवार को भूटान के पीएम लोटे शेरिंग से भी मुलाकात की व द्विपक्षीय संबंधों के अहम तत्वों पर चर्चा की. उन्होंने अपने भूटानी समकक्ष टांडी दोरजी से भी वार्ता की वविकास साझेदारी तथा पनबिजली पर जोर देने के साथ पारस्परिक हितों के मुद्दों पर चर्चा की. शनिवार को जयशंकर स्वदेश रवाना हो गये.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘भूटान साम्राज्य की एक दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद विदेश मंत्री डॉ। एस। जयशंकर को भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने विदा किया. यात्रा दोनों राष्ट्रों को करीब लेकर आयी है व इसने हिंदुस्तान की ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति के प्रति उसकी निष्ठा को रेखांकित किया है.’’
भूटान हिंदुस्तान का करीबी मित्र देश रहा है. दोनों राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ सालों में व बेहतर हुए हैं. 2014 में पीएम के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद नरेंद्र मोदी की पहली विदेश यात्रा भूटान की ही थी.