केंद्र गवर्नमेंट ने दिया था बाबरी मस्जिद के ताले खोलने का आदेश

 राष्ट्र में फरवरी 1986 में केंद्र गवर्नमेंट ने बाबरी मस्जिद के ताले खोलने का आदेश दिया था उस समय उत्तरप्रदेश में माहौल गर्मा गया था. इसके बाद 14 अप्रैल 1987 से मेरठ में धार्मिक उन्माद प्रारम्भ हुआ  कई लोगों की मर्डर हुई. इस दौरान वहां की कई दुकानों  घरों को आग के हवाले कर दिया गया  फिर हत्या, आगजनी  लूट की वारदातें होने लगीं. इस मामले में दिल्ली उच्च कोर्ट 16 पुलिसवालों को मर्डर  अन्य अपराधों के आरोपों से बरी करने के निचली न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को निर्णय सुनाएगा.Image result for दिल्ली न्यायालय देगा

जानकारी के अनुसार बता दें कि इस घटना में 42 लोगों की मौत हो गई थी  इस मामले को लेकर उत्तरप्रदेश राज्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग  नरसंहार में बचे जुल्फिकार नासिर सहित कुछ व्यक्तिगत पक्षों की अपीलों पर उच्च कोर्ट ने 6 सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित रखा था. वहीं इस मामले में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री पी चिदंबरम की कथित किरदार का पता लगाने के लिए आगे जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर भी निर्णय सुरक्षित रखा गया था. यहां बता दें कि न्यायालय ने 17 फरवरी 2016 को स्वामी की याचिका को मामले में अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था. इसके अतिरिक्त इस मामले में दोषी पाए पुलिसवालों को निचली न्यायालय ने रिहा कर दिया था

गौरतलब है कि हाशिमपुरा कांड में लिप्त पुलिसवालों पर मर्डर का मामला दर्ज किया गया था. यहां हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि 21 मार्च 2015 को निचली न्यायालयने संदेश का फायदा देते हुए प्रोविजनल आ‌र्म्ड कांस्टेबलरी के 16 पुलिसवालों को 42 लोगों की मर्डर के मामले में रिहा कर दिया था  फिर पीड़ितों की याचिका पर सितंबर 2002 में सुप्रीम न्यायालय ने मामले को दिल्ली हाई न्यायालय में ट्रांसफर किया था. तभी से लेकर अब तक इस मामले में निर्णय नहीं आया था.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *