
ओवैसी ने बोला कि आप लोग कांग्रेस पार्टी व अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों को छोड़ना नहीं चाहते हैं. मगर इस बात को याद रखें कि उनके पास ताकत नहीं हैं व वह मेहनत नहीं करते हैं.उन्होंने बोला कि 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तो हमारे बुजुर्गों ने सोचा होगा कि नया हिंदुस्तान होगा. हिंदुस्तान गांधी, नेहरू, आंबेडकर, आजाद व उनके करोड़ों अनुयायियों का होगा. मुझे अभी भी अपना हक मिलने की उम्मीद है. हम भीख नहीं चाहते हैं. हम किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं.
इससे पहले ओवैसी ने हैदराबाद में बोला था कि मुसलमान देश के किराएदार नहीं हिस्सेदार हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बोला था, ‘अगर कोई यह समझ रहा है कि भारत के वजीर-ए-आजम 300 सीट जीत के भारत पर मनमानी करेंगे तो नहीं हो पाएगा. वजीर-ए-आजम से हम बोलना चाहते हैं कि संविधान का हवाला देकर असदुद्दीन ओवैसी आपसे लड़ेगा. मजलूमों के न्याय के लिए लड़ेगा. भारत को आबाद रखना है. हम भारत को आबाद रखेंगे. हम यहां पर बराबर के शहरी हैं. किराएदार नहीं हैं हिस्सेदार रहेंगे.‘
बता दें कि राहुल ने 17वें लोकसभा चुनाव में केरल की वायनाड व यूपी की अमेठी सीट से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहे अमेठी से इस बार राहुल को पराजय का सामना करना पड़ा. यहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जीती हैं. वहीं वायनाड में राहुल को चार लाख 31 हजार वोटों से जीत मिली. जीत के बाद मतदाताओं को धन्यवाद कहने के लिए वह तीन दिन के भ्रमण पर अपने संसदीय क्षेत्र गए थे.