आईटी के वकालत समूह ने अमेरिका की आप्रवासन एजेंसी पर इस वजह से किया मुकदमा

आईटी के एक वकालत करने वाले समूह ने अमेरिका की आप्रवासन एजेंसी पर मुकदमा किया है। इस समूह के अंतर्गत 1000 से ज्यादा छोटी आईटी कंपनियां आती हैं। जिनका संचालन ज्यादातर भारतीय अमेरिकी करते हैं। उन्होंने मुकदमा एच1बी वीजा को तीन साल से कम समय के लिए जारी करने की वजह से दायर किया है।


एच1बी वीजा एक गैर अप्रवासी वीजा होता है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की इजाजत देता है। यह उन विशिष्ट व्यवसायों में दिया जाता है जिनमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। तकनीकी कंपनियां इसपर निर्भर करते हुए हर साल 10,000 कर्मचारियों को भारत औऱ चीन जैसे देशों से हायर करते हैं।

इस वीजा के अंतर्गत 3-6 सालों के लिए किसी विदेशी कर्मचारी को जारी किया जाता है। टेक्सास में स्थित आईटी सर्व अलायंस ने पिछले हफ्ते दायर किए 43 पेज के अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि अमेरिकी नागरिकता और आप्रवासन सेवा ने हाल ही में एच1बी वीजा को तीन सालों से कम समय के लिए जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

याचिका में कहा गया है कि वीजा के लिए आवेदन केवल कुछ महीनों या दिनों के लिए मान्य होती हैं और कुछ मामलों में इनकी मंजूरी मिलने की समयावधि तक यह खारिज हो जाते हैं। आईटी सर्व का आरोप है कि एजेंसी के पास मौजूदा नियमों की गलत व्याख्या करने और मंजूरी को कम करने का कोई अधिकार नहीं है। जबकि यूनाइटेड स्टेट कांग्रेस ने क्षम विभाग को तीन सालों के लिए मंजूरी देने के लिए कहा है।