
मंगलवार को एक प्रोग्राम के दौरान अंबेडकर ने सम्बोधित करते हुए बोला कि ‘जब राष्ट्र में पहले से ही देश गान ‘जन-गण-मन’ मौजूद था तो फिर राष्ट्रीय गीत यानि कि वंदे मातरम की क्या जरूरत है। उन्होंने आगे बोला कि ‘जन गण मन राष्ट्रगान है न कि वंदे मातरम। जब राष्ट्र में आधिकारिक राष्ट्रगान मौजूद है तो हमें किसी व गान की क्या जरूरत पड़ गई। क्या भाजपाराष्ट्रगान में विश्वास नहीं रखती?’
आंबेडकर ने अपने बयान में आगे बोला कि ‘राष्ट्रगान गाने वाले लोग राष्ट्रवादी कहलाते हैं लेकिन अगर कोई वंदे मातरम नहीं जाता तो वो गद्दार कैसे हो सकता है। ‘ इसके बाद आंबेडकर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए बोला कि ‘वंदे मातरम न गाने वालों को राष्ट्र विरोधी प्रमाण लेटर देने वाला कौन शख्स है? भाजपा के पास वंदे मातरम गाने वालों को इंडियन व नहीं गाने वाले को गैर इंडियन बताने का कोई अधिकार नहीं है। आप इस तरह से सर्टिफिकेट्स (नेशनल-एंटी नेशनल) देने वाले कौन होते हैं। वो उन लोगों पर एंटी-इंडिया होने का आरोप लगाते हैं जो वंदे मातरम गाते हैं। ‘