विवेक की हत्या का ‘असली सच’ SIT उठाएगी बड़ा कदम

यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस की गोली का शिकार हुए एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में कई अनुसलझे सवालों के बीच आरोपी दोनों सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इन दोनों सिपाहियों के बयानों के आधार पर जहां एसआईटी के अधिकारी फिर से क्राइम सीन का नाट्य रूपांतरण कराने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं बताया जा रहा है कि इस मामले में अब एसआईटी एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी भी कर रही है। दोनों सिपाहियों को सोमवार तक के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड में भेज दिया गया है।सना खान के सामने होगी सिपाहियों से पूछताछ!
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आईजी रेंज सुजीत पांडे के मुताबिक आरोपी दोनों सिपाहियों से केस से जुड़े कई बिंदुओं पर पूछताछ की जाएगी। इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह सना खान के बयानों और अभी तक मिले सुबूतों के आधार पर सवालों की एक सूची तैयार की गई। चूंकि आरोपी दोनों सिपाहियों और सना खान के बयानों में काफी अंतर है, इसलिए एसआईटी तीनों का आमना-सामना भी करा सकती है। एसआईटी में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक बयानों में विरोधाभास मिलने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए सना खान के सामने ही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार से पूछताछ की जा सकती है।

13 से 15 अक्टूबर तक दोनों की रिमांडदोनों सिपाहियों की रिमांड अवधि 13 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 15 अक्टूबर की सुबह 10 बजे तक ही होगी। इस दौरान एसआईटी के अधिकारी घटना से पहले, घटना के समय और घटना के बाद कई बिंदुओं पर दोनों सिपाहियों से पूछताछ करेंगे। दोनों के बयानों के आधार पर पूरे घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण किया जाएगा। इससे पहले बीते 2 अक्टूबर को सना खान की मौजूदगी में एसआईटी के अधिकारी एक बार वारदात का नाट्य रूपांतरण कर चुके हैं। हालांकि पुलिस ने दोनों सिपाहियों के लिए 3 दिन की कस्टडी रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दोनों के लिए दो दिन की रिमांड ही मंजूर की है।

एसआईटी के सामने ये है सबसे बड़ा सवालसूत्रों की मानें तो एसआईटी इस मामले में प्रशांत और संदीप के बयानों से यह जानने की कोशिश करेगी वो कौन सी परिस्थितियां थीं, जिनमें आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक तिवारी को अपनी पिस्टल निकालकर गोली मार दी। प्रशांत गाड़ी के टायर पर गोली मार सकता था या वायरलेस के जरिए सूचना प्रसारित कर गाड़ी का पीछा कर सकता था, लेकिन आखिर वो कौन सी बात थी, जिसपर उसने सीधे विवेक को निशाना बनाते हुए गोली मार दी। बड़ा सवाल यह भी है कि प्रशांत का मेडिकल 8 घंटे बाद क्यों कराया गया?

आखिर सच कौन बोल रहा है?आपको बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी के बयानों में भी विरोधाभास सामने आया है। प्रशांत चौधरी ने पहले बताया कि उसने सेल्फ डिफेंस में विवेक तिवारी के ऊपर गोली चलाई लेकिन बाद में कहा कि उसने केवल चेतावनी देने के लिए अपनी पिस्टल निकाली और गलती से उससे गोली चल गई। वहीं, दूसरे आरोपी संदीप कुमार का कहना है कि उसने प्रशांत को गाड़ी के पास जाने और पिस्टल निकालने से रोका था। संदीप ने यह भी बताया कि घटना में इस्तेमाल किया डंडा उसने घटनास्थल पर ही फेंक दिया था, जिसे वह बरामद करा सकता है।

नाट्य रूपांतरण से पता चलेगा, गोली चली कहां सेइस मामले में अभी यह सवाल भी अनसुलझा है कि आखिर गोली कहां खड़े होकर चलाई गई। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि उसे गोली करीब 8-9 फीट की दूरी से मारी गई है। इसका सीधा मतलब ये है कि आरोपी सिपाही ने विंड स्क्रीन से बिल्कुल सटाकर गोली मारी, क्योंकि एसयूवी के बोनट की दूरी (4 फीट) और विंड स्क्रीन से ड्राइवर सीट की दूरी (4 फीट) करीब इतनी ही होती है।। जबकि, सना का कहना है कि प्रशांत ने गाड़ी से करीब 8-9 फीट दूर खड़े होकर चलाई। ऐसे में कुल दूरी करीब 17-18 फीट बैठती है तो आखिर सच क्या है?

मामले में अब तक क्या क्या हुआ?पिछले महीने 28 सितंबर की रात को एप्पल कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर तैनात विवेक तिवारी की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। विवेक तिवारी एप्पल फोन के लॉन्चिंग इवेंट से देर रात अपनी पूर्व सहकर्मी सना खान को घर छोड़ने जा रहे थे। उसी दौरान यूपी पुलिस के सिपाही प्रशांत चौधरी ने कथित तौर पर गाड़ी ना रोकने पर उन्हें गोली मार दी थी। बाद में अस्पताल में विवेक तिवारी की मौत हो गई। इस मामले में दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर और उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है।