लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार GST में लगातार परिवर्तन कर रही है। कड़ाई से लागू किए गए इस कानून में अब चुनावी सीजन में राहत का दौर जारी है।परिवर्तन के बाद चीज व सेवा कर () पर वार्षिक रिटर्न भरने की अंतिम तारीख भी 30 जून 2019 तक बढ़ा दी गई है।
आपको बता दें कि, GST में राहत दे रही केंद्र गवर्नमेंट ने दिसंबर में लचीला रुख अपनाते हुए 99 प्रतिशत उत्पादों पर GST को सीमित दर पर लागू किया है। इसके अतिरिक्त वार्षिक रिटर्न को 30 जून 2019 तक जमा करवा कर एमनेस्टी स्कीम का फायदा लेने की बात कही थी, ताकि इसका फायदा कारोबारियों को आम चुनावों से पहले मिल सके।
विभाग के द्वारा GST काउंसिल की आखिरी मीटिंग में फैसला लेकर कई वस्तुओं पर लागू 28 प्रतिशत की कर दर को घटाया गया है। जिसके बाद GST की 28 प्रतिशत की उच्चतम कर स्लैब में सिर्फ दो दर्जन वस्तुएं ही रह गई हैं। लेकिन, एमनेस्टी स्कीम के देर से लागू होने के कारण व्यापारिक जगत में इसका विरोध भी हो रहा है। वैसे पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली, शराब, जमीन व निर्माण अनुबंध इसमें शामिल हैं, जबकि रीयल एस्टेट जैसे एरिया GST के दायरे से अब तक बाहर हैं।
वहीं, अभी भी कई उत्पादों पर रिटर्न दाखिल करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टील उत्पाद पर GST को लेकर दो तरह की स्लैब होने के कारण इंडस्ट्री को रिफंड लेने में असुविधा हो रही है। इस समय स्टील फिनिश्ड पर GST दर 12 फीसदी है व रॉ मैटेरियल पर 18 फीसदी की दर है। ऐसे में प्रोडक्ट कॉस्टिंग व GST रिफंड को लेकर कंपनियों को लेकर तकनीकी परेशानियां भी आ रही हैं। जिस कारण कई कंपनियों को GST रिफंड अब तक वापस नहीं मिल पाया है। वैसे इंडस्ट्री के लोगों की मांग है कि इसे संशोधित कर सारे स्टील उत्पादों पर 12 फीसदी कर लगाया जाना चाहिए।
आर्थिक जगत के सुझावों पर गवर्नमेंट कर रही है अमल
माना जा रहा है कि GST काउंसिल आम चुनाव से पहले उन सभी मुश्किलों को दूर करने जा रही हैं जिनका विरोध बीजेपी गवर्नमेंट को आर्थिक जगत की बैठकों में झेलना पड़ रहा हैं।बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय इन बैठकों में मिल रहे सुझावों को तुरंत GST काउंसिल में भेज रहा है। इसके अतिरिक्त रिफंड प्रक्रिया की जटिलताए दूर करने के कोशिश भी काउंसिल कर रहा है।
जीसएटी को लागू करने के लिए कठोर है सरकार
विभागीय सूत्रों का कहना है कि GST की मासिक वसूली अप्रैल-नवंबर 2018 के दौरान औसतन 97,100 करोड़ रुपये रही। पिछले वित्त साल में मासिक वसूली का औसत 89,100 करोड़ रुपये था। इस वित्त साल में अप्रैल-नवंबर के दौरान गवर्नमेंट ने GST की चोरी के 12,000 करोड़ रुपये के मामले पकड़े व 8000 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। साथ हीं GSTलागू होने के बाद करदाता इकाइयों का भी विस्तार हुआ है।