मौनी- मुझे उम्मीद है कि रीमा को बदनाम करने की यह साजिश जल्द ही होगी बंद…

तनुश्री के नाना पाटेकर पर यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में एक्ट्रेस डॉयरेक्टर और प्रोड्यूसर पर आरोप लगा रही हैं। इसी बीच अदाकारा कोंकणा सेन शर्मा ने 11 महिला डॉयरेक्टर्स की एक सूची जारी की है। कोंकणा ने लिस्ट को जारी करते हुए कहा है, अगर इनमें किसी के भी ऊपर हैसेरमेंट के आरोप सिद्ध होते हैं तो वह इनमें से किसी के साथ भविष्य में काम नहीं करेंगी।

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कोंकणा सेन शर्मा के इस ट्वीट पर एक यूजर ने कहा, ओह बहुत हुआ पाखंड! रीमा कागती मौनी रॉय को फिल्म गोल्ड के सेट पर बहुत प्रताड़ित करती थीं। क्या आप सभी अंधे हो चुके हैं? यूजर के इस तरह के कमेंट करने के बाद मौनी रॉय तुरंत भड़क गईं। उन्होंने यूजर को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि मुझे गोल्ड फिल्म के सेट पर किसी ने भी प्रताड़ित नहीं किया है। मुझे ना ही डॉयरेक्टर ने परेशान किया है और ना ही किसी और सदस्य ने।

मौनी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रीमा को बदनाम करने की यह साजिश जल्द ही बंद होगी। इसका मकसद उन महिलाओं को परेशान करना है जिनके साथ कुछ भी गलत हुआ है। जोया अख्तर, मेघना गुलजार, कोंकणा सेन शर्मा, किरण राव, नंदिता दास, नित्या मेहरा, रीमा कागती, रुचि नारायण, सोनाली बोस और गौरी शिंदे ने मी टू मूवमेंट का सपोर्ट किया और ऐसी महिलाओं का समर्थन किया है। मेघना गुलजार ने एक संयुक्त बयान की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की।
बयान में कहा गया है कि ‘एक महिला और फिल्ममेकर्स के तौर पर हम #MeToo मूवमेंट को सपोर्ट करते हैं। हम ऐसी महिलाओं के साथ है जो हिम्मत दिखा रही हैं और खुद के साथ हुए यौन शोषण की सच्चाई लोगों को बता रही हैं। ऐसी महिलाओं की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी।’ साथ ही अगर किसी के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित हो जाते हैं तो हम उनके साथ काम नहीं करेंगे। हमें उम्मीद है कि फिल्म इंडस्ट्री में दूसरे भी ऐसा ही कदम उठाएंगे।’बॉलीवुड अभिनेत्री मौनी रॉय ने उम्मीद जताई है कि #MeToo अभियान असफल होने की बजाय बड़ी सफलता हासिल करेगा। देश के कई दिग्गजों को कठघरे में खड़े करने वाले इस अभियान को मौनी ने अपना समर्थन दिया है। फिलहाल वह अपनी आगामी फिल्म ‘मेड इन चाइना’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। अभियान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मौनी ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि महिलाओं को अपनी जिंदगी में उत्पीड़न के खिलाफ बोलना चाहिए।