भारतीय सेना को अब कश्मीर में घरों में छिपे आतकंवादियों के सफाए के लिए मिलेंगे नए हथियार

भारतीय सेना को अब कश्मीर में घरों में छिपे आतकंवादियों के सफाए के लिए नए हथियार मिलने वाले हैं. भारतीय सेना को 10 लाख ऐसे हैंड ग्रेनेड मिलेंगे जो मल्टी परपज़ होंगे. इन्हें स्टन ग्रेनेड (stun grenade) की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा और सामान्य फेगमेंटेड ग्रेनेड (fragmented grenade) की भी तरह. स्टन ग्रेनेड को अगर किसी कमरे में फेंका जाएगा तो इसके विस्फोट से किसी की जान तो नहीं जाएगी लेकिन वहां मौजूद हर व्यक्ति थोड़ी देर के लिए निष्क्रिय हो जाएगा. इससे आतंकवादियों को ज़िंदा गिरफ्तार करना मुमकिन होगा और कार्रवाइयों में ज्यादा खून-खराबा नहीं होगा.

भारतीय सेना के लिए ये 10 लाख हैंड ग्रेनेड 531 करोड़ रुपए की कीमत से आएंगे. 2010 में सेना के लिए इस तरह के मल्टी मोड ग्रेनेड्स की खोज शुरू हुई है. DRDO ने इसके लिए लंबी रिसर्च की और 2017 में इसका डिज़ाइन को तैयार कर लिया. इसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड यानि OFB और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने इसके उत्पादन की शुरुआत की. आखिरकार इन ग्रेनेड्स की सप्लाई के लिए इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड को ही ज़िम्मा दिया गया है.

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस ग्रेनेड्स के ऊपर लगे एक छोटे से हिस्से के ज़रिए इन ग्रेनेड्स को स्टन या फ्रेगमेंटेंशन ग्रेनेड की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा.

भारतीय सेना अभी जिन हैंड ग्रेनेड्स का इस्तेमाल करती है उनकी मारक क्षमता की परिधि 8 मीटर तक होती है. आतंकवाद विरोधी अभियानों में हैंड ग्रेनेड्स का इस्तेमाल काफी कारगर होता है. सेना राइफलों के ज़रिए दूर तक फेंके जा सकने वाले राइफल ग्रेनेड्स का भी आतंकवादियों के ख़िलाफ इ्स्तेमाल करती है. लेकिन इन सभी की मारक क्षमता बहुत ज्यादा होती है और इनके इस्तेमाल के बाद आतंकवादियों को ज़िंदा पकड़ने की संभावना कम होती है.