पाकिस्तान लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर को इस देश की मदद से कर रहा अपग्रेड

भारतीय वायुसेना की बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की वायुसेना जवाबी कार्रवाई करने में नाकाम रही थी। लिहाजा, अब पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर को अपग्रेड करने का फैसला किया है।पाकिस्तान एक इंजन वाले मल्टी-रोल हल्के लड़ाकू विमान जेएफ-17 को भारत के तेजस लड़ाकू विमान की टक्कर का बनाना चाहता है। कई वर्षों से पाक इसे चीन के साथ संयुक्त रूप से मिलकर बना रहा है। इसके लिए इंजन रूस ने दिया था।

बताया जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान इसकी युद्धक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत जैसे ताकतवर देश से पाक अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है। चीन और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित फाइटर जेट के मुख्य डिजाइनर और चीनी सांसद यांग वेई ने कहा कि जेएफ-17 ब्लॉक 3 का विकास और उत्पादन जारी है।

ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसके मुताबिक जेएफ-17 को अपग्रेड करने का लक्ष्य इस लड़ाकू विमान की युद्धक क्षमता को बढ़ाना है। खास बात यह है कि जेएफ-17 का इस्तेमाल चीन की तुलना में पाकिस्तान ज्यादा कर रहा है।

चीन की एयरफोर्स ने रूस के सुखोई जैसी नई पीढ़ी के जेट को खरीदा है। इसकेअलावा चीन के पास कई स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस नए एयरक्राफ्ट हैं। चीनी सांसद यांग ने कहा कि जेएफ-17 को नई युद्धक क्षमता और हथियारों के लिहाज से अपग्रेड किया जा रहा है।

बीजिंग स्थित एक सैन्य विश्लेषक ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि जेएफ-17 ब्लॉक 3 में एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैंड रडार होगा, जो जंग के हालात में ज्यादा सूचनाएं जुटा सकेगा। मॉडर्न रडार तकनीक होने से यह लड़ाकू विमान काफी दूरी से एक समय पर कई निशाने साध सकेगा।

पाकिस्तान ने मंगलवार को स्वदेशी तौर पर विकसित विस्तारित रेंज वाले एक ‘स्मार्ट हथियार’ का जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान से सफल प्रायोगिक परीक्षण किया है। इससे इस लड़ाकू विमान को दिन और रात में विभिन्न प्रकार केलक्ष्यों को साधने की क्षमता हासिल हो जाएगी।

पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) ने यह भी कहा कि यह प्रयोग देश के लिए मील का पत्थर है क्योंकि हथियार का विकास पाकिस्तानी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा स्वदेशी प्रयासों से किया गया है।