पाकिस्तान बना रहा भारतीय चुनाव में ऐसा दबाव, ये है साजिश

आतंक के आका पाकिस्तान की मुश्किलें लगातर बढ़ती जा रही है। टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन टास्क फोर्स एक्शन कमिटी ने वैश्विक मानकों पर समीक्षा करने की कवायद शुरू कर दी है .आपको बता दे कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैशे मोहम्मद मोहम्मद ने हाल -फ़िलहाल एक जिहादी हमला किया था.

पुलवामा हमले में भारतीय सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए. हमले के बाद जवानों की शहादत से दोनों देशों में आपसी तनाव और आरोप-प्रत्यारोप बढ़ गया था। भारत द्वारा आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई और वैश्विक मंच द्वारा पाकिस्तान पर दबाव बनाने की बेहतर कोशिश की गई. आपको बता दें कि एक लंबे समय से पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग का आरोप लगता रहा है और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर आतंकी समूहों को वित्तीय मदद दी जाती है.

फाइनेंसियल टास्क फोर्स ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। आपको बता दे कि ग्रे लिस्ट में शामिल देश वैसे देश होते हैं जो आतंक के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाते हैं या जानबूझकर गंभीर मामलों पर मौन रहते हैं.पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के अनुसार एशिया-प्रशांत समूह का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को यहां पहुंच रहा है। प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह स्थानीय अधिकारियों से मिलकर वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक मानकों की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा करेगा।

आपको बता दें कि इस खबर की पुष्टि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ खकान एच. नजीब ने कहा, ‘बैठकें मंगलवार से शुरू होंगी और गुरुवार तक चलेंगी।’ उन्होंने कहा कि समूह का प्रतिनिधिमंडल स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन ऑफ पाकिस्तान, इलेक्शन कमिशन ऑफ पाकिस्तान, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आतंकवाद रोधी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकें करे.

गौरतलब है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मोस्ट वांटेड मुंबई हमले के मास्टर माइंड अजहर मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की कवायद हुई थी लेकिन इस वैश्विक प्रयास को चीन ने तकनिकी वीटो लगाकर चौथी बार चीन ने अजहर मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचा लिया। इसके बाद आम देशों में आतंक के खिलाफ आपसी सहमति और एकजुटता बढ़ी , नतीजतन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी लंबे समय से चली आ रही पाकिस्तान की आतंक नीति पर बदलाव करने की जरूरत महसूस हुई.

हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में तमाम आतंकी संगठनों और मदरसों पर प्रतिबंध लगाया गया है और कुछेक कुख्यात आतंकियों के गिरफ्तारी की भी खबर है। ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर और बेहतर दबाव बनाने की संभावना है.