23 मार्च को पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस यानी नेशनल डे के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भारत की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। यह कार्यक्रम पाकिस्तान के दिल्ली स्थित हाई कमीशन पर आयोजित होगा। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी तनाव है। इस आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी।
22 मार्च को होना है कार्यक्रम
पाकिस्तान हाई कमीशन की ओर से जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेताओं को कार्यक्रम के लिए इनवाइट भेजा गया था। भारत इस आमंत्रण से खासा नाराज है और इस वजह से ही किसी भी प्रतिनिधि को न भेजने का फैसला किया गया है। पाकिस्तान हाई कमीशन ने एक दिन पहले यानी 22 मार्च को नेशनल डे मनाने का फैसला किया है और इस दिन पर हाई कमीशन पर सारे कार्यक्रम आयोजित होंगे। भारत की तरफ से हर वर्ष एक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम के लिए भेजा जाता है। साल 2015 में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह कार्यक्रम में मौजूद थे तो साल 2016 में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और साल 2017 में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने इस कार्यक्रम में शिरकत की थी। वहीं साल 2018 में कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
क्या हुआ था 23 मार्च को
हर वर्ष 23 मार्च को पाकिस्तान नेशनल डे मनाया जाता है। इस दिन पाकिस्तान ने लाहौर रेजोल्यूशन पेश किया था। 23 मार्च 1940 को आए इस रेजोल्यूशन के जरिए पहली बार भारत के मुसलमानों के लिए एक अलग देश की मांग की गई थी। लाहौर रेजोल्यूशन को पाकिस्तान रेजोल्यूशन के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान हाई कमीशन की ओर से कई बार इस कार्यक्रम के लिए हुर्रियत नेताओं को इनवाइट भेजा जाता रहा है। भारत ने हर बार इस पर अपना विरोध जताया है। हुर्रियत नेताओं को मिलने वाले आमंत्रण की वजह से भारत ने दो बार पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता को भी कैंसिल किया है। सरकारी सूत्रों की ओर से इस पर और ज्यादा जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन पर नेशनल डे के मौके पर होने वाले आयोजन के लिए किसी को भी न भेजने का फैसला किया है। सरकार की ओर से यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है।’