देशभर में CBI दफ्तरों के बाहर हो रहा धरना

छुट्टी पर भेजे गए CBI निदेशक आलोक वर्मा को बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को देशभर में CBI दफ्तरों के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी. राहुल गांधी ने ट्विटर हैंडल से लिखा है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में सीजीओ परिसर में CBI मुख्यालय के बाहर पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे.
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देशभर में CBI के कार्यालयों के बाहर कांग्रेस CBI प्रमुख को हटाकर राफेल घोटाले में जांच को रोकने के पीएम के शर्मनाक कोशिश का विरोध करेगी. मैं प्रातः काल 11 बजे दिल्ली में CBI मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन का नेतृत्व करूंगा.’पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी CBI निदेशक वर्मा के विरूद्ध आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी से इस पूरे प्रकरण पर राष्ट्र से माफी मांगने की मांग करेगी.

गहलोत ने लेटर लिख कर किया धरना देने का आह्वान

कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सभी कांग्रेस पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों  विधायक दल के नेताओं को लेटर लिखकर उनसे बोला है कि देशभर में CBI कार्यालयों के बाहर बीजेपी गवर्नमेंट के विरूद्ध धरना दिया जाए.

गहलोत ने अपने लेटर में कहा, ‘मोदी-शाह द्वय द्वारा CBI निदेशक को अवैध, असंवैधानिक  अवैध तरीके से हटाने से हिंदुस्तान  उसकी प्रमुख जांच एजेंसी शर्मसार हुई है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ‘राफेल-ओ-फोबिया’ के शिकार हैं. राफेल घोटाले के इस भय से CBI को ध्वस्त कर दिया गया है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बोला कि राष्ट्रीय राजधानी में CBI मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल होंगे, वहीं राज्य स्तर के नेता अपने अपने क्षेत्रों में धरने की अगुवाई करेंगे. सुरजेवाला ने बुधवार को आश्चर्य जताते हुए सवाल किया था कि क्या वर्मा को राफेल घोटाले में करप्शन की जांच करने की उत्सुकता की वजह से ‘हटाया’ गया. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से इस विषय में जवाब भी मांगा.

सुरजेवाला ने एक ट्वीट में बोला था, ‘वर्मा को हटाकर मोदी गवर्नमेंट ने CBI की आजादी में ‘आखिरी कील’ ठोक दी है. सुनियोजित तरीके से CBI को समाप्त करने  उसे बदनाम करने की प्रयास पूरी हो गई. पीएम ने यह सुनिश्चित किया कि प्रमुख जांच एजेंसी CBI की ईमानदारी, विश्वसनीयता समाप्त हो जाए.‘ कांग्रेस ने बुधवार को CBI के निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को एजेंसी की स्वतंत्रता समाप्त करने की अंतिम कवायद बताया.

उधर, केंद्र गवर्नमेंट ने इकार्रवाई का बचाव करते हुए इसे ‘अपरिहार्य’ बताया. गवर्नमेंट ने दलील दी है कि CBI के संस्थागत स्वरूप को बरकरार रखने के लिए यह कार्रवाई महत्वपूर्णथी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोला कि CBI के दो शीर्ष अधिकारियों को हटाने का गवर्नमेंट का निर्णय केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों पर आधारित है.

उल्लेखनीय है कि टकराव के केंद्र में आए वर्मा  CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर अवकाश पर भेज दिया था. पीएम के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात में आदेश जारी कर एजेंसी के निदेशक का प्रभार संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सौंप दिया.