कोर्ट आदेश के विरुद्ध टेलिकॉम कंपनियां आधार का कर रही प्रयोग 

उच्चतम कोर्ट ने एक महीन पहले आदेश दिया था कि टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल सिम जारी करने के लिए ईकेवाईसी के तौर पर आधार का प्रयोग नहीं करेंगी. लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद टेलिकॉम कंपनियां आधार का प्रयोग कर रही हैं. बहुत सी टेलिकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि आधार के बायोमीट्रिक की सुविधा का प्रयोग अभी भी किया जा रहा है.

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प्रतिनिधियों ने बोला कि यह बहुत सुविधाजनक  उपभोक्ता फ्रेंडली है. इससे पेपरवर्क में लगने वाला समय बर्बाद नहीं होता  उपभोक्ताओं को सरलता से सिम मिल जाता है.टेलिकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (डीओटी) के द्वारा इस बारे में कोई आदेश ना जारी किए जाने को दर्शाते हुए बोला कि वे ईकेवाईसी का प्रयोग तबतक करते रहेंगे जब तक कि गवर्नमेंट के जरिए इसे प्रतिबंधित नहीं किया जाता है.

यूआईडीएआई के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बोला कि टेलिकॉम कंपनियां उच्चतम कोर्ट के आदेश से असहमत हैं. एक ऑफिसर ने कहा, ‘हमने डीओटी को इसके बारे मे चेता दिया है. इस मामले को उन्हें ही निपटाना होगा.‘ एक जानीमानी कंपनी के ऑफिसर ने कहा, ‘हम सुविधा को रोकने के लिए इस मामले में डीओटी के निर्देशों का इंतजार करेंगे.

1 अक्तूबर को उच्चतम कोर्ट के आदेश के आधार पर यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों को लेटर लिखकर बोला था, ‘आधार सेवाओं का प्रयोग विशेष सेवाओं जैसे मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने  सत्यापित करने के लिए नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही 15 अक्तूबर तक ऑपरेटर्स को प्लान उपलब्ध कराने के लिए भी बोला गया था जिससे आधार बेस्ड सत्यापन को रोका जाए.

यूआईडीएआई ने कहा, ‘यदि अथॉरिटी को विशेष समयावधि तक कोई जानकारी नहीं मिलती है तो बिना किसी नोटिस के सत्यापन सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा.‘ यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों को चेतावनी देते हुए बोला कि आदेश का अनुपालन न होने की स्थिति में वह न्यायालय की अवमानना के जिम्मेदार हो सकते हैं.

26 सितंबर को दिए कोर्ट के आदेश से टेलिकॉम कंपनियां निराश हैं. उनका मानना है कि ईकेवाईसी किसी ग्राहक के प्रमाणीकरण के लिए सरल  तेज प्रक्रिया है. इससे प्रमाणीकरण के दूसरे माध्यम जैसे कि पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के मुकाबले कम समय लगता है.