कांगो गणराज्य में जनजातीय कबीलों के बीच 535 लोगों की मौत

कांगो गणराज्य में जनजातीय कबीलों के बीच हाल ही में हुए संघर्ष में कम से कम 535 लोगों की मौत हो गई है। कांगो नदी में बहाए गए शवों की तलाश के बाद इस संख्या के और बढने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को कहा कि पिछले वर्ष 16-18 दिसंबर को शुरू हुई कबीलाई झड़पों में 535 लोगों की मौत हो गई है और 111 घायल हो गये हैं।

कांगो नदी में शवों की तलाश होने के बाद इस संख्या में और इजाफा होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि इस दौरान लापता हुये लोगों की संख्या की पुष्टि करना संभव नहीं है। अनुमान के आधार पर हिसा की वजह से 19,000 लोग विस्थापति हो गए है। जांच में पाया गया है कि बानुनु और बाटेंडे कबीलों के बीच बानुनु प्रमुख को दफन करने को लेकर संघर्ष शुरू हुआ था।

संघर्ष में राइफल्स, चाकू, धनुष, तीर, गैसोलीन का इस्तेमाल किया गया जिससे लेागों को बचकर भागने का बहुत कम समय मिल पाया। कांगो की राजधानी किशासा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार जनजातीय कबीलों के प्रमुखों की सहायता से इन हमलों को अंजाम दिया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार ने हिसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जिससे इसे बढने में और भी मदद मिली। कांगों में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की प्रमुख लीला जेरूगुई ने किशासा सरकार से क्षेत्र में शांति बहाल करने और विस्थापितों की सुरक्षित और स्वैच्छिक वापसी का इंतजाम करने का आह्रवान किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने हिसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।