अन्ना द्रमुक और भाजपा के बीच रिश्ता इस बयान के बाद हुआ उजागर

अन्ना द्रमुक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच रिश्ता यहां एक राज्य मंत्री के शुक्रवार को दिए उस बयान के बाद उजागर हो गए जब उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पिता हैं. दुग्ध एवं डेयरी विकास मंत्री के.टी. राजेंद्र बालाजी ने विरुद्धनगर जिला में कहा, ‘मोदी हमारे पिता हैं. भारत के पिता हैं. हम उनका नेतृत्व स्वीकार करते हैं.’

अन्ना द्रमुक और भाजपा के रिश्ते 2014 से 2019 आम चुनावों के बीच बदलते रहे हैं. 2014 में, अन्ना द्रमुक की प्रमुख दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान जनता से कहा था, ‘कौन बेहतर प्रशासक है? गुजरात का मोदी या तमिलनाडु की यह लेडी?’ तब भीड़ ने चिल्लाकर कहा था, ‘लेडी.’

अन्ना द्रमुक ने तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों पर लड़ी थी और 37 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2016 में उनका निधन होने के बाद अन्नाद्रमुक बदल गई जब उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम पार्टी से बाहर चले गए फिर वापस आए और टी.टी.वी. दिनाकरण और वी.के. शशिकला बाहर गए.

यद्यपि मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में अन्ना द्रमुक सरकार दो साल चल गई, अब उनका ध्यान आगामी उपचुनावों में इस समय रिक्त चल रहीं 21 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने पर ज्यादा है.

परिणामस्वरूप, अन्ना द्रमुक को अब छोटे दलों से लोकसभा सीटें साझा करनी हैं तो यह उनके लिए सबसे अच्छा अवसर है. अन्ना द्रमुक ने पी.एम.के. (सात लोकसभा तथा एक राज्यसभा) सीटों, पुतिया तमिझागम और पुतिया नीदि कचि (दोनों को एक-एक लोकसभा) से गठबंधन किया है.

सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने यह जानते हुए भी कि ए. विजयकांत की डीएमडीके गठबंधन के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) से बात कर रही है, अपने दरवाजे खुले रखे हैं.चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, अन्ना द्रमुक के लिए इस स्थिति में आगामी उपचुनावों में एक प्रतिशत वोट वाली पार्टी भी बहुत महत्वपूर्ण है.

235 विधानसभा सीटों वाली विधानसभा में अन्ना द्रमुक की 114 सीटें हैं जिसके बाद द्रमुक (88), कांग्रेस (आठ), एक आईयूएमएल, एक निर्दलीय के अलावा विधानसभा अध्यक्ष तथा 21 रिक्त सीटें (19 अयोग्य और दो का निधन) हैं. विधानसभा में एक नामांकित सदस्य है